71 करोड की बटोने में एक रूपया भी नही दे पाये अंधी रामसखी को शिवराज

शिवपुरी।  पिछोर विधानसभा क्षेत्र मे जिला स्तरीय अन्त्योदय मेले में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिहं चौहान ने 71 करोड के विकास कार्यो की घोषणा की है। उन्होने किसानो को शून्य प्रतिशत पर ब्याज, गेहुं का समर्थन मुल्य 1500 रूपये,गरीबों के लिए 1 जून से 1रूपये किलो गेहुं, 2 रूपये किलो चावल, 1 रूपये किलो नमक सरकार द्धारा दिये जाने की घोषणा की।

प्रदेश भर के गरीबों के लिए मुख्यमंत्री के पास कई योजनाए है परन्तु पिछोर अनुविभाग के ग्राम सिमलार की जन्माधं 15 वर्षीय बालिका रामसखी के लिए कुछ भी नही दे पाये शिवराज।

सिमलार ग्राम निवासी जगदीश यादव के यहाँ आज से 15 वर्ष पुर्व एक पूत्री का जन्म हुआ था इस बालिका का नाम रामसखी यादव रखा गया। जब इस बालिका को आखो से नही देख पाने का पता चला तो  परिवार इस बालिका के जन्म की खुशी ज्यादा दिनो तक नही मना पाया। मुसीबतो ने रामसखी का साथ नहीं छोड़ा जब रामसखी दो वर्ष की थी तभी उसकी मॉं चल बसी। रामसखी के पिता जगदीश यादव के समक्ष कई गंभीर चुनौती खड़ी हो गई अब उसका लालन-पालन कैसे किया जाए।

रामसखी को उसकी बुआ श्रीमती कैलाश बाई पत्नि रघुवीर सिंह यादव निवासी ग्राम ऐजवारा कोलारस के यहां लालन-पालन के लिए भेज दिया गया तब से वह अपनी बुआ के यहां रहकर ही पलती बढ़ती रही। रामसखी की बुआ कैलाश बाई को जब पता चला कि पिछोर में गरीबों के मसीहा मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो वह बड़ी उम्मीद लेकर छत्रसाल स्टेडियम तक उसे गोद में उठाकर ले जा पहुंची।

कैलाश बाई ने बताया कि रामसखी को लेकर मैं इस उम्मीद से यहां आई थी कि प्रदेश के मुखिया सबकी सुन रहे हैं तो हमारी भी सुनेंगें बस लेकिन यहां आकर पता चला कि ना तो हमें अधिकारियों ने जगह दी और ना ही किसी ने हमारा आवेदन लिया ना तो मुख्यमंत्री से मिलने दिया। यहां बता दें कि प्रदेश के मुखिया के समक्ष इतना गंभीर मामला शासन के नुमाईदों ने क्यों नहीं आने दिया, आखिर इसके पीछे ऐसा क्या कारण था जो यह नौबत आई कि एक 40 वर्षीय महिला अपनी गोद में 15 वर्षीय पुत्री को लेकर आर्थिक मदद की गुहार लगाने सीएम के समक्ष पहुंची पर उसकी सुनवाई ना हो सकी।

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