जनसुनवाई भी बनी असुनवाई का माध्यम

शिवपुरी-प्रदेश शासन की मंशा है कि प्रदेश का हर नागरिक अपनी समस्याओं के त्वरित निदान के लिए लोक सेवा केन्द्र और जनसुनवाई के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराए और उसका निराकरण भी नियमित समयावधि में पाए लेकिन शिवपुरी में इन दिनों जनसुनवाई को यदि असुनवाई का माध्यम कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।

क्योंकि शहर के इंदिरा नगर क्षेत्र में बीते कुछ माहों से अवैध रूप से कब्जा कर सरेआम हाउसिंग बोर्ड के सैप्टिक टैंक पर भवन तान दिया गया है ऐसे में इस अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध स्थानीय नागरिकों ने भी कई बार ना केवल जिला प्रशासन को बल्कि जनसुनवाई के माध्यम से भी और नगर पालिका प्रशासन को भी लिखित व मौखिक रूप से शिकायत की गई परन्तु आज तक यह जनसुनवाई असुनवाई में ही तब्दील है। बीते मंगलवार को जहां वार्ड के नागरिक आलोक सिंह चौहान ने इस संबंध में अतिक्रमण एवं अतिक्रमणकारी के विरूद्ध लगातार चौथी बार लिखित रूप से जनसुनवाई में शिकायत की परन्तु आज दिनांक तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इससे साफ होता है कि जनसुनवाई असुनवाई की तरह निरूपित हो रही है।

बीती 19 फरवरी को जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार इंदिरा नगर निवासी आलोक सिंह चौहान व अन्य वार्डवासियों ने लगाई। इसके लिए लिखित रूप से मौके पर ही जनसुनवाई में एडीएम डी.के.जैन ने तुरंत कार्यवाही के लिए नपा के एच.ओ.प्रभारी सीएमओ अशोक शर्मा को इस ओर कार्यवाही के निर्देश दिए लेकिन तब से लेकर आज दिनांक तक एडीएम के आदेश का पालन नगर पालिका ने नहीं किया। इस तरह आए दिन असुनवाई के चलते अब वार्डवासियों ने इस संबंध में माननीय न्यायालय की शरण लेने का मन बनाया है। 

बताया गया है कि शीघ्र ही इस ओर उच्च न्यायालय में कार्यवाही के लिए शिकायत दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई जाएगी। यहां बता दें कि इंदिरा नगर में सैप्टिक टैंक के ऊपर अतिक्रमण करते हुए अवैध रूप से भवन तान दिया गया है जिससे वहां अब सैप्टिक टैंक में जाने वाली गंदगी भी अवरूद्ध हो गई और रोड पर बहकर पूरे वातावरण को दुर्गन्ध से प्रदूषित कर रही है। ऐसे में अब इसका असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी पडऩे लगा है। यदि शीघ्र जिला प्रशासन व नगर पालिका ने सख्त कदम नहीं उठाए तो निश्चित रूप से अब इंदिरा नगर वासियों का आन्दोलन भी तेज होगा और इसके गंभीर परिणाम भी सामने आ सकते है।