पार्षदों की गैंग से नपा के बिगड़ रहे हालात!

शिवपुरी-नगर विकास की परिकल्पना को साकार करने का सपना देख रही नगर पालिका परिषद शिवपुरी में इन दिनों कुछ पार्षद गैंग गिरोह बनाकर कार्य करने में लगे हुए है। इन्हें नगर के विकास की सोच तो नहीं बल्कि स्वयं व अध्यक्ष के विकास की सोच जरूर है क्योंकि शासन से मिलने वाली लाखों-करोड़ों रूपये की राशि से अपने बारे-न्यारे करने वाले गिरोह में 6-7 पार्षद अपनी मनमर्जी कर रहे है।


यहां कई बार इन पार्षदों को क्षेत्रवासियों ने समस्याओं से अवगत भी कराया लेकिन मजाल है कि इन्होंने कभी वार्ड में विकास की बात को पूरा किया महज आश्वासन देने तक का ही इन पार्षदों ने अपना ध्येय बना रखा है। असलियत यदि जानना है तो इन पार्षदों के गिरोह को नगर पालिका परिसर में गुटीय नीति बनाते हुए आसानी से देखा जा सकता है चाहे नगर में निर्माणाधीन कार्य हो या पानी पिलाने के लिए टैंकरों की व्यवस्था ऐसे सभी कार्य इनके द्वारा आसानी से किए जा रहे है। नपा अध्यक्ष के चहेते बने इन पार्षदों की अपेक्षाऐं भी काफी लंबी है जिन्हें यह धीरे-धीरे पूरा करने का अपना प्रयास कर रहे है। इन दिनों नपा परिसर में मच रहा घमासान भी इस नीति का परिणाम है।

नगर पालिका परिषद शिवपुरी में इन दिनों पार्षदों की धमचक के कारण पूरा प्रशासन ही हैरत में है। क्योंकि एक ओर जहां कुछ पार्षद वार्डवासियों की पुकार सुन रहे है तो वहीं कई पार्षद तो अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने में लगे हुए है। यहां एक शिकायतकर्ता कमलेश पुत्र रामभरोसी जाटव निवासी करौंदी कॉलोनी शिवपुरी ने मुख्यमंत्री समाधान ऑनलाईन में की गई शिकायत की पी.जी.क्रमांक 172248 के अनुसार बताया है कि  शहर के लगभग 6-7 पार्षद ऐसे है जो जिन्होंने वार्ड के विकास को छोड़ अध्यक्ष के और स्वयं के हितों की पूर्ति की योजना बना रखी है। 

अभी ताजातरीन मामले को देखा जाए तो नपा में मचे घमासान का एक प्रमुख कारण भी यही है क्योंकि यहां सीएमओ जिस कार्य के लिए उपयंत्री सतीश मिश्रा को नहीं हटाने का मन बना चुके है तो वहीं यह 6-7 पार्षद अपने चहेते उपयंत्री को कार्य दिलाने के लिए लामबंद्घ होकर सीएमओ पर ही दबाब बनाने में लगे हुए है। पार्षदों पर यदि नजर दौड़ाई जाए तो इनमें वार्ड क्रं.25 से नीरज बेडिय़ा, वार्ड क्रं.24 से बलवीर यादव, वार्ड क्रं.27 अनीता अजय भार्गव, वार्ड क्रं.35 से मथुरा प्रजापति, वार्ड क्रमांक 38 से भोपाल दांगी, वार्ड क्रं.1 से मुकेश बाथम व वार्ड क्रं.1 से पार्षद पति गोपाल यादव ये वे सभी पार्षद है जो इन दिनों नगर पालिका में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ठेकेदारी करने में लगे हुए है जिसमें चैन कुप्पी(मोटर डालना-निकालना कार्य), मुरम का ठेका मथुरा प्रजापति, पानी के टैंकरों का ठेका नीरज बेडिय़ा  व अन्य जितने भी निर्माण कार्य है इन सभी में इन 6-7 पार्षदों की मिलीभगत रहती है। 

जो हमेशा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल है यदि इन सभी पार्षदों को अपने-अपने वार्डों में पानी की समस्या विकराल नजर आ रही है तो फिर क्यों नहीं पेयजल समस्या के लिए दिसम्बर माह में इस समस्या को उठाया जबकि यह सब ज्ञात था कि गर्मी के दिनों में भीषण पेयजल संकट से शिवपुरीवासी ग्रसित रहते है इसके बाबजूद भी इस तरह वार्डवासियों की समस्याओं को दूर कर स्वयं के हितों की पूर्ति कर रहे इन पार्षदों से भी अब वार्डवासियों ने आस छोड़ दी है। यही कारण है कि इन सभी वार्डों के नागरिक स्वयं के प्रयासों से पेयजल की आपूर्ति करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाकर दूर-दूर से पानी ला रहे है। यहां बताया गया है कि इन सभी पार्षदों का मुख्य ध्येय नपाध्यक्ष की व्यवस्थाऐं पूर्ण करने में अधिक दिलचस्पी है जिसके चलते इन्हें वार्डों के लिए कई निर्माण कार्य मिलते है जिससे इन पार्षदों की भी अच्छी खासी आमदनी हो जाती है।

पार्टी की छवि खराब कर रहा है यह पार्षद गैंग!

देखा जाए तो नगर पालिका में इन दिनो मच रही हौच-पौच की व्यवस्थाओं में जिन पार्षदों की मिलीभगत रहती है उनमें जितने भी पार्षद है वह भाजपा पार्टी से ताल्लुक रखते है। इनकी हरकतों से जहां वार्डवासी परेशान है तो वहीं इनके द्वारा किए जाने वाले कार्यो और मनमानी से भाजपा पार्टी की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसे में अनुशासनात्मक का डंडा चलाने वाली इस पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को यहां दखलदांजी करना चाहिए ताकि वह नपा में इन पार्षदों की नीतियों का न केवल विरोध करें बल्कि इन्हें समझाईश देकर पार्टी की स्वच्छ छवि को भी बनाए रखे। आगामी वर्ष में आने वाले विधानसभा चुनाव में इन पार्षदों के द्वारा की जा रही गलतियों के गंभीर परिणाम भी यदि सामने  आए जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। खैर देखना होगा कि आगामी समय में भाजपा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी इस ओर क्या कदम उठाऐंगे क्योंकि यदि शीघ्र इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह मामला कहीं सड़कों तक ना आ जाए।

इनका कहना है-
 
राजू गुर्जर पार्षद वार्ड क्रं.21
जिस तरह से सीएमओ और पार्षदों के बीच अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप चल रहे है शहर व नपा के हित में ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है  जनप्रतिनिधियों को भी अपनी बात शालीनता और सलीके के साथ नगर पालिका प्रशासन को बतलाई जानी चाहिए, क्योंकि नगर पालिका के पार्षद व नगर पालिका प्रशासन दोनों एक गाड़ी के पहिए है जो शहर के विकास हेतु आपस में समन्वय होना अति आवश्यक है। इस घटनाक्रम का मैं साक्षी था और मेरा जहां तक विचार है सीएमओ महोदय तार्किक बात कह रहे थे उन्होंने उस मुद्दे को परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाकर उसमें उस प्रस्ताव को रखने हेतु अपना विचार रखा परन्तु उक्त पार्षदों ने उसे अपना अपमान व परिषद के विशेष सम्मेलन को अपनी गरिमा के विपरीत समझा, जो न्याय संगत नहीं है। क्योंकि परिषद ही पार्षदों की आवाज है।
राजु गुर्जर
पार्षद वार्ड क्रमांक 21

 
उक्त घटनाक्रम नगर पालिका में जब घटित हुआ उस समय मैं नगर पालिका में मौजूद था व उक्त घटनाक्रम का मैं चश्मदीद साक्षी था इस तरह के घटनाक्रम से जनता का जनप्रतिनिधियों पर से विश्वास उठता है व शहर हित में इस तरह की घटनाऐं दुर्भाग्यपूर्ण है हमारा शहर बहुत छोटा शहर है इस शहर की छवि एवं सौंदर्यता का हमें ध्यान रखते हुए जनाकांक्षाओं की पूर्ति करनी होती है। तभी हमारा अपने पद पर बने रहने का अधिकार है।
 
संदीप भार्गव
कार्यकर्ता, भाजपा