सरपंच ने तोड़ डाले आदिवासियों के झोंपड़े

शिवपुरी- आदिवासियों के उत्थान व विकास के लिए यूं तो प्रदेश सरकार कई योजनाऐं संचालित कर रही है लेकिन वास्तविक रूप से उन योजनाओं का लाभ इन आदिवासी परिवारों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे आदिवासी अपना डेरा यहां-वहां जमाकर निवास करने को मजबूर है। एक ऐसा ही प्रकरण आया है करैरा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सेमरा के ग्राम चक्क जरगंवा जो कि एबी रोड पर स्थित है जहां आबादी भूमि पर बीते 10 वर्षों से आदिवासी अपनी पाटौर व टपरिया बनाकर निवास कर रहे है। इन आदिवासियों को गत कुछ दिनों पूर्व ग्राम पंचायत सेमरी के सरपंच ने अपने साथियों के साथ मिलकर इन गरीबों के झोंपड़ों को हटाया और इनके साथ मारपीट भी की ऐसे में अब आदिवासियों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर इस आबादी भूमि पर पट्टों की मांग की है ताकि उनका स्थायी निवास यहां हो सके।
ग्राम पंचायत सेमरी के ग्राम चक्क जरगंवा के ग्रामीणजन रामकली, खैमराज, जालिम, मनोज, शंकर, बालकिशन, महेन्द्र सभी आदिवासी एवं मोहर सिंह, हुकुम सिंह, नवल सिंह, अशोक कुमार, अर्जुन सिंह, पप्पू, सतेन्द्र, चैनू, प्रेम सिंह एवं मातादीन आदि ने प्रेस को दिए हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में अपनी समस्या बताई। जिसमें ग्राम पंचायत सेमरा के सरपंच की हठधर्मिता का उल्लेख किया। इन आदिवासियों का कहना है कि वह लगभग 10 वर्षों से आबादी भूमि पर अपनी झोंपड़ें व पाटौर टपरिया बनाकर निवास कर रहे है लेकिन सरपंच को यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा यही कारण है कि उसने गत कुछ दिनों पूर्व सरपंच ने अपने साथियों के साथ मिलकर हम आदिवासियों के झोंपड़ों को मिटा दिए और मारपीट की। इस संबंध में एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी करैरा को देकर सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है। आदिवासियों ने प्रशासन से भी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अपने लिए आबादी भूमि पर पट्टों की मांग की है ताकि वह स्थाई निवास कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।