ग्वालियर। दो माह की रिहर्सल, छह घंटे की मशक्कत, 4444 विद्यार्थियों ने बुधवार को आईटीएम यूनिवर्सिटी कैम्पस में ‘ह्यूमन स्माइली’ की सबसे बड़ी आकृति बनाकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए दावेदारी पेश की। अभी तक ‘ह्यूमन स्माइली’ का रिकार्ड (2961 लोगों ) कनाडा के नाम पर दर्ज था। हालांकि गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में रिकार्ड दर्ज होने में अभी एक महीना लगेगा लेकिन शहर के विभिन्न स्कूल के शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी इस रिकार्ड के गवाह बने। आईटीएम यूनिवर्सिटी में इस रिकॉर्ड के लिए सुबह आठ बजे प्रक्रिया प्रारंभ हुई और दोपहर लगभग डेढ़ बजे तक चली। इस विशाल मानवकृति में पॉलीथिन की जगह ईकोफ्रेंडली फ्रेबिक का उपयोग किया गया।
ऐसे बनेगा रिकार्ड
आईटीएम यूनिवर्सिटी की तरफ से दावेदारी के लिए रिकॉर्ड से जुड़ी वीडियो, फोटो और प्रशासनिक अधिकारियों के प्रमाणपत्र को लिम्का बुक और गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भेजा जाएगा। लिम्का में पंद्रह दिन और गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज होने में एक महीने तक का समय लगेगा। इसके बाद लिम्का और गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड संस्थान को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे, इसके बाद ही ग्वालियर की आईटीएम यूनिवर्सिटी के नाम ह्यूमन स्माइली का यह रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा।
ऐसे चला रिकॉर्ड का क्रम -
ऐसे चला रिकॉर्ड का क्रम -
- सुबह 8:00 बजे- विद्यार्थियों का यूनिवर्सिटी पहुंचना शुरु हुआ।
- - सुबह 8:30 बजे- विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और फ्रेबिक बांटने का कार्य प्रारंभ हुआ।
- - सुबह 9:25 बजे- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो गई ।
- - सुबह 9:30 बजे- ‘ह्यूमन स्माइली’ की बांयी आंख बनाना प्रारंभ हुई।
- - सुबह 10:05 बजे- ‘ह्यूमन स्माइली’ की दांयी आंख शुरू हुई।
- - सुबह 11:45 बजे- ‘ह्यूमन स्माइली’ के बॉर्डर को कंपलीट कर लिया गया।
- - दोपहर 12:07 बजे- खाली स्थान में यलो रंग में मौजूद विद्यार्थियों को भरने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- - दोपहर 12:59 बजे- कलेक्टर पी. नरहरि ने उल्टी गिनती गिनी।
- - दोपहर 1:00 बजे- 4444 विद्यार्थियों से ह्यूमन स्माइली कंपलीट हो गया।
- - दोपहर 1:10 बजे- सभी ने दस मिनट तक ह्यूमन स्माइली बनाए रखी।
- - दोपहर 1:11 बजे- रिकार्ड की दावेदारी पर सभी प्रतिभागियों ने हिपहिप र्हुे शोर मचाया। - दोपहर 1:15 बजे- रिकार्ड में शामिल सभी विद्यार्थियों ने एक दूसरे को बधाई दी।
गिनीज रिकार्ड की इस दावेदारी के लिए सभी को मेरी शुभकामनाएं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होकर बच्चों और लोगों ने शहर का नाम रोशन किया हैं। पी. नरहरि, कलेक्टर
सुबह यहां आते समय सवाल था कि क्या रिकार्ड बन सकेगा लेकिन मैडम ने कहा हम कर दिखाएंगे। यहां आकर अन्य विद्यार्थियों को देखा जोश और बढ़ गया। प्राची , छात्रा वीके चिल्ड्रन
यहां आकर हमें काफी कुछ सीखने को मिला है, सभी ने अच्छा प्रयास किया। अब लगता है कि ऐसे और भी रिकॉर्ड शहर के नाम बना सकेंगे। सोहेल खान, छात्र सिल्वर वैली स्कूल
शहर के नाम कुछ करने की इच्छा काफी समय से मन में थी, संस्थान में वल्र्ड रिकॉर्ड बनाने की जानकारी मिली तो रहा नहीं गया और मैनें भी इसमें भाग ले लिया। प्रियंका जैन, छात्रा, आईटीएम यूनिवर्सिटी
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