CEO राजेश जैन के समय में पकाया गया था ट्रांसफर और निलबंन-बहाली घोटाला, छुपाने के लिए दस्तावेज नष्ट किए, FIR के लिए पत्र जारी

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शिवपुरी। जिला पंचायत से खबर आ रही है कि विभाग का जावक रजिष्टर जैसा महत्वपूर्ण दास्तावेज गायब हो गया। बताया गया हैं कि यह जावक रजिष्टर एक भ्रष्टाचार के काण्ड को झुपाने के लिए अधिकारियो ओर कर्मचारियों ने गायब किया है। यह बात जब उजागर हुई जब किसी जानकारी के मामले में एक सूचना का अधिकार लगाया और उसके लिए इस जावक रजिष्टर की आवश्यता हुई। 

इस सूचना के अधिकार में वह जानकारी मांगी गई थी जो विभाग के अधिकारी ओर कर्मचारियों के एक काण्ड को उजागर कर सकता था जो कि आचार संहिता के समय में कर्मचारियो से मोटी रकम वसूली कर ट्रांसफर और बहाली के ओदश कराए गए थे। अपने इस कृत्य को झुपाने के लिए इस रजिष्टर को या तो गायब कर दिया गया या नष्ट कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान आचांर सहिता प्रभावी होने के समय जिला पंचायत के कुछ अधिकारी और कर्मचारियो ने बहाली,निलबंन और ट्रांसफर की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रखी। मोटा लेन देन किया गया। 

जब बात की भनक लगी,तो इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए एक आम नागरिक ने  जावक रजिस्टर की प्रमाणित प्रति सूचना के अधिकार में चाही गई जैसे ही आवेदन कार्यालय में प्राप्त हुआ जावक रजिस्टर को अनाधिकृत रूप से संधारित कर रहें लिपिक ओ.पी.सिंह। 


ओपी.सिंह की भर्ती ड्रायवर के रूप में हुई थी,लेकिन लेखापद जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन रहे यह सोचने का विषय है कि किंन अधिकारियों की मेहरवानियों की वजह से आसीन रहे। बताया जा रहा हैं कि ओपी सिंह के प्रभार में ही यह जावक रजिष्टर गायब हुआ है।

इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सूचना के अधिकार के लिए जानकारी मांगी गई तो विभाग ने जानकारी के स्थान पर यह लिख कर दिया कि रजिष्टर गुम होने के कारण चाही गई जानकरी नही दी जा सकती हैं।

इस मामले ने जब तूल पकडा तो तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने  31.05.2018 को थाना सिटी कोतवाली शिवपुरी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिये एक पत्र लिखा। मामले को दर्ज कराने के लिए जिला पंचायत सीईओ ने विभाग की ओर से विभाग के चपरासी को अधिकृत करते हुए कोतवाली भेज दिया। जहां कोतवाली पुलिस ने एसे बैंरग लौटा दिया। 

इसके बाद पुनः तत्कालीन जिला पंचायत सी.ई.ओ. राजेश जैन द्वारा पुलिस अधिक्षक शिवपुरी को  दिनांक 06.07.2018 को पत्र जारी कर पुलिस अधिक्षक से थाना प्रभारी सिटी कोतवाली को एफ.आई.आर.दर्ज कर गुम रजिस्टर की जांच करने हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया गया,लेकिन अभी तक एफआईआर नही हुई है।

इस मामले में अपने राम का कहना है कि सूचना के आधिकारी में चाही गई जानकारी अगर पब्लिक में ओपन होती तो जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन संकट में आ जाते,आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान विभाग में कर्मचारियो और जिला पंचायत सेकेट्रीयो के ट्रांसफर ओर बहाली जैसे कार्य किए गए। इस पूरे काण्ड को गवाह और साक्ष्य है जिला पंचायत का जावक रजिष्टर,इस कारण इस रजिष्ट को गायब किया या नष्ट किया गया अब देखते है इस मामले में क्या होता हैं। 

इनका कहना है
मामला आपके द्धवारा संज्ञान में लाय गया हैं अगर विभाग का इतना महत्वपूर्ण दास्तावेज गायब हैं,पुलिस को भेज गए पत्रो को अवलोकन कर नियमानुसार आगे कार्यवाही करते हैं
एचपी वर्मा,जिला पंचायत सीईओ शिवपुरी

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