शिवपुरी। सूर्य की अक्षय ऊर्जा का उपयोग कर बिजली बनाने के प्लांट लगातार बढ रहे हैं। खबर आ रही है कि शिवुपरी मेडिकल कॉलेज भी सौर ऊर्जा की रोशनी से ही रोशन होगा। सौर ऊर्जा का उपयोग करने से 5 साल में लगभग 30 करोड रूपए बचाने का अनुमान लगाया जा रहा हैं।
शिवपुरी जिले का मेडिकल कॉलेज पहला मॉडल होगा जहां सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का भरपूर उपयोग किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर सभी मेडिकल कॉलेज के डीन को बुलाया गया। करारनामे (एमओयू) पर 20 फरवरी को सभी डीन के हस्ताक्षर कराए गए हैं। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग पर जल्द ही सोलर पैनल स्थापित हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा मंडी विजय लक्ष्मी साधौ और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव बीच आठ मेडिकल कॉलेज में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए करारनामे पर हस्ताक्षर हुए हैं। सभी डीन से भी MOU हस्ताक्षर कराए हैं। भोपाल में 20 फरवरी को करारनामे पर हस्ताक्षर के बाद कंपनी की टीम शिवपुरी आई।
कॉलेज बिल्डिंग का जायजा लेकर चली गई है। अब जल्द ही पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि संयंत्र कब से स्थापित किया जाना है।
मेडिकल कॉलेज जिसकी छत पर लगेगा सोलर प्लांट। सोलर पैनल लगने से प्रति यूनिट 1.65 रु. की कॉस्ट
मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ गिरजाशंकर गुप्ता ने बताया कि बिल्डिंग में संयंत्र स्थापित होने के बाद प्रति यूनिट 1 रुपए 65 पैसे की कास्ट आएगी। इस लिहाज से पांच साल में तीस करोड़ रुपए की बिजली के रूप में सेविंग होगी।
मेडिकल कॉलेज की मुख्य बिल्डिंग के साथ-साथ नई अस्पताल बिल्डिंग की छत, हॉस्टल छत का उपयोग सोलर पैनल लगाने के लिए किया जा सकेगा। यह संबंधित कंपनी तय करेगी कि सोलर पैनल कहां और कैसे लगना है।
दूसरे चरण में शिवपुरी में संयंत्र लगाया जाएगा
प्रदेश के आठ मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग में सोलर संयंत्र दूसरे चरण में लगाए जाना है। जिसमें शिवपुरी मेडिकल कॉलेज भी शामिल है।पहले चरण में सागर, ग्वालियर और रीवा को चुना गया है। बता दें कि सोलर संयंत्र लगाने की परियोजना को रेस्को पद्धति के माध्यम से क्रियान्वित किया जाना है। भवनों पर बिना पूंजीगत निवेश के सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के लिए संयंत्र स्थापित किया जाता है।
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