लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे भाजपा विधायक भारती को फिर मिलेगा टिकट?

शिवपुरी। अभी तक पोहरी विधानसभा क्षेत्र से हुए चुनावों में कोई भी विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया, लेकिन पोहरी के वर्तमान भाजपा विधायक प्रहलाद भारती इकलौते किसी भी दल के ऐसे विधायक हैं जो लगातार दूसरी बार 2013 में विधानसभा चुनाव जीते। यह बात अलग है कि 2008 की तुलना में उनकी जीत का अंतर काफी घट गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शिवपुरी विधायक केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के चहेते प्रहलाद भारती को क्या तीसरी बार पोहरी से टिकट मिलेगा? यह सवाल इन दिनों राजनैतिक हलकों में चर्चा का विषय है। पार्टी में अपनी ऊंची पहुंच और विनम्रता के बावजूद प्रहलाद भारती का टिकट कटवाने के लिए पार्टी में एक सशक्त लॉबी सक्रिय है। 

यह लॉबी चाहती है कि या तो विधायक भारती का टिकट कट जाए और यदि उनका टिकट न कटने की स्थिति बने तो उन्हें कोलारस शिफ्ट कर दिया जाए ताकि एंटीइनकमवंशी फैक्टर का प्रभाव पोहरी सीट पर न पड़े, परंतु विधायक भारती का स्पष्ट कहना है कि यदि वह चुनाव लड़ेंगे तो पोहरी से ही लड़ेंगे अन्यथा घर बैठना पसंद करेंगे। किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से उनकी चुनाव लडऩे में दिलचस्पी नहीं है। 

विधायक भारती ने पोहरी विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव 2008 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था। उस चुनाव में उनके मुकाबले में बसपा प्रत्याशी हरिबल्लभ शुक्ला और कांग्रेस प्रत्याशी एनपी शर्मा थे। उस चुनाव में श्री भारती के लिए यशोधरा राजे सिंधिया ने बहुत पसीना बहाया था जिसका परिणाम यह हुआ कि श्री भारती बसपा प्रत्याशी शुक्ला से लगभग 20 हजार मतों से जीत गए और कांग्रेस प्रत्याशी एनपी शर्मा को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। इस विधानसभा क्षेत्र की खास बात यह है कि या तो यहां से धाकड़ अथवा ब्राह्मण उम्मीद्वार चुनाव जीतते हैं। 

लगभग ढाई लाख मतदाता वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में धाकड़ मतदाताओं की संख्या 45 से 50 हजार के बीच है। धाकड़ मतदाताओं की तुलना में विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या काफी कम है। यहां लगभग 15 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं, लेकिन इसके बाद भी ब्राह्मण उम्मीद्वार इस विधानसभा क्षेत्र से इसलिए जीतते रहें, क्योंकि वह धाकड़ बर्सेस अन्य जातियों का समीकरण बनाने में सफल हुए हैं। 2008 में ऐसा नहीं हो पाया, क्योंकि पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला के प्रति नाराजगी अधिक गहन थी। 

वहीं चुनाव में दो-दो ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतर गए थे। 2013 में भाजपा ने पुन: प्रहलाद भारती को उम्मीद्वार बनाया उस समय तक हरिबल्लभ शुक्ला बसपा छोडक़र कांग्रेस में आ गए और कांग्रेस ने उन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया। श्री शुक्ला का स्थानीय कांग्रेसियों ने जबर्दस्त विरोध किया इसके बाद भी वह चुनाव काफी दमदारी से लड़े और महज साढ़े तीन हजार मतों से प्रहलाद भारती से हार गए। उस चुनाव में श्री भारती जीत अवश्य गए, लेकिन उनकी जीत का अंतर 20 हजार से घटकर साढ़े तीन हजार मतों पर आ गया। वह भी उस स्थिति में जबकि उनकी क्षेत्र में छवि बहुत अच्छी थी तथा शिवराज सरकार के प्रति भी जनता में विश्वास कायम था। 

श्री भारती के विरोध में दूसरा नकारात्मक प्रभाव लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। पोहरी विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर संसदीय सीट का हिस्सा है और ग्वालियर से लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भाजपा उम्मीद्वार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे। उनके मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह थे, लेकिन नरेन्द्र सिंह तोमर संसदीय चुनाव जीत अवश्य गए, लेकिन पोहरी में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। 

श्री तोमर इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह से 15 हजार मतों से पीछे रहे और उनके समर्थकों ने विधायक भारती पर प्रचार न करने का आरोप मढ़ा। इस कारण से पोहरी विधानसभा क्षेत्र में 2013 के चुनाव में नरेन्द्र सिंह तोमर लॉबी विधायक भारती का टिकट काटने के फेर में है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए सर्वे रिपोर्ट का आधार बनाया जा रहा है। दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि यदि कांग्रेस ने धाकड़ जाति के व्यक्ति की उम्मीद्वारी घोषित कर दी तो श्री भारती के टिकट काटने का एक बहाना और मिल जाएगा। कांग्रेस में धाकड़ उम्मीद्वार को टिकट दिए जाने की चर्चा भी जोरों पर है और इसे टिकट के इच्छुक कांग्रेस उम्मीद्वार भी हवा दे रहे हैं।