
बताया गया है कि मूलत: ग्राम लोटन तहसील खनियाधाना निवासी अंकेश उम्र 16 वर्ष पुत्र संग्राम सिंह यादव अपनी मां रूबी बाई और बहन अंशो यादव के साथ पिछोर डॉ. प्रदीप पाठक के मकान में किराए से रहता है।
पिछोर में ही ग्राम खोड़ के शाउमा विद्यालय में कक्षा 11वी में पढाई कर रहा है। अंकेश से हुई पूछताछ में उसने बताया कि वह रविवार को सुबह 10 बजे घर से सब्जी खरीदने के लिए निकला था। घर से करीब आधा किमी बस स्टैंड पर पहुंचा कि तभी किसी ने उसे कुछ सुंघा दिया तो बेहोशी जैसी हालत हो गई।
लेकिन इतना जरूर समझ आ रहा था कि मुझे कार से कहीं ले जाया जा रहा है। चार-पांच लोग भी धुंधली आंखों से दिखाई दे रहे थे। जैसे ही दतिया शहर के नजदीक आए तो कार में सवार एक युवक ने आपस में चर्चा करते हुए कहा कि आगे पुलिस की चेकिंग चल रही है इसलिए लफड़ा हो सकता है।
लडक़े को यहीं छोड़ दो। इसके बाद मुझे सडक़ किनारे लेटा दिया और आठ.दस कदम पर मेरा मोबाइल भी फेंक दिया। कुछ देर बाद राहगीरों ने उसे बदहवास हालत में देखा तो डायल 100 को सूचना दी। कुछ देर में ही कोतवाली एसआई रेणु रावत और डायल 100 मौके पर पहुंची। बालक ने हल्का होश आने पर राहगीर से कहा कि मेरे मोबाइल से मेरे पापा को फोन लगाकर बता दें कि मैं दतिया में हूं।
राहगीर ने फोन लगाया। इसके बाद पुलिस किशोर अंकेश को कोतवाली ले आई। सूचना मिलने पर सीडब्ल्यूसी अधिकारी भी पहुंच गए और वहां बालक से पूछताछ के बाद परिजन को बुलाया। सोमवार को सुबह बैंच ऑफ मजिस्ट्रेट उषा निरंजन, कृष्णा कुशवाह व अन्य स्टाफ के साथ परिजनों द्वारा लाए गए दस्तावेज चेक किए और परिजनों को अंकेश का पिता व रिश्तेदार पाए जाने पर उनके सुपुर्द कर दिया।
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