
नशीली दवाएं देकर किया जाता था यौन शोषण
बालिकाओं ने जांच के दौरान बताया कि उनके साथ अनाथ आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल के सेवानिवृत्त शिक्षक पिता केएन अग्रवाल अनैतिक कार्य करते हैं और जब लड़कियां इसकी शिकायत शैला अग्रवाल से करती हैं तो वह उनकी पिटाई करती है। महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक सुरेश तोमर के साथ दो काउंसलर को बालिकाओं ने बताया कि उन्हें नशीली दवाएं दी जाती हैं और उनका यौन शोषण किया जाता है। पीड़ित लड़कियों की उम्र 11 से 18 साल के बीच है।
6 लड़कियों के साथ हुआ बलात्कार
महिला बाल विकास के संयुक्त संचालक तोमर ने आईएएनएस को बताया, "जांच में बालिकाओं द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर बाल संरक्षण अधिकारी सरिता शुक्ला ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने शैला अग्रवाल और उनके पिता केएन अग्रवाल पर पास्को सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। तत्कालीन कोतवाली प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि संचालिका और उनके पिता पर मामला दर्ज किया गया। मिश्रा के मुताबिक, इस आश्रम में 23 बालिकाएं रहती हैं, जिनमें से छह ने उनके साथ दुष्कर्म किए जाने की बात कही है। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक यूसुफ करैशी के अनुसार, महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक और दो काउंसलरों ने काउंसलिंग की तो छह बालिकाओं ने दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि की। आश्रम को सील कर दिया गया था।