खरई चैक पोस्ट: सरकारी बैरियर पर प्राईवेट गुंडो का कब्जा, लठ्ठ के दम पर वसूली

शिवपुरी। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जडे कितनी गहरी है इसका प्रमाण खरई बैरियर पर देखने को मिलता है। देश में जीएसटी लागू होने के बाद बैरियर सरकार ने खत्म कर दिया है,लेकिन अब इस बैरियर पर प्राईवेट गुण्डों का कब्जा है। खरई चैक पोस्ट पर बाहार गुंडो द्वारा परिवहन विभाग के अधिकारी कोटानाका चैक पोस्ट पर हाईवे नंबर 27 पर चलने वले वाहनो से खुलेआम अवैध वसूली करवा रहे है। जिससे हर माह सांठगांठ करने वाले जिम्मेदार अधिकारीयो को हर माह लाखो की काली कमाई हो रही है। यह बता दें कि इस गोरखधंधे में आरटीओ, वाणिज्यकर, मण्डी और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत जगजाहिर है। 

जो प्राईवेट गुंडो कि मदद से खुलेआम अधिकारियो के संरक्षण में सरगने के रूप में चैक पोस्क पर कब्जा जमाकर अवैध वसूली का खेल रहे है। सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ चैक पोस्ट से होने वाही काली कमाई का बटौना जिले से लेकर संभाग तक वितरण किया जा रहा है। जिससे सरकार को हर माह लाखो कि राजस्व हानी हो रही है।

हमेशा विवादो में रहा है चैक पोस्ट .
खरई वैरियर पर होने वाली अवैध वसूली का काला खेल हमेशा से विवादित रहा है। अवैध वसूली के कारण  एक युवक ने कुंए में गिरकर अपनी जान गवांई थी जिसमें खरई बैरियर के पूर्व प्रभारी शशि भारद्वाज पर आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला भी दर्ज हो चुका है। 

इसके बाद खरई बैरियर पूर्व प्रभारी शशि भरद्वाज ने अपने पुत्र को चैक पोस्ट पर प्राईवेट प्रभारी बना रखा था जिसपर उनके पत्र से चैक पोस्ट से लाखो के बारे न्यारे किये थे जिस पर विवाद होने के बाद एक बार फिर शशि भरद्वाज कार्यवाही कि जद में आ गए और उनहे प्रभार से हटा दिया गया। इसी दौरान खरई बैरियर पर रिश्वत के 3600 रूपए नही देने पर एक ट्रक को 17 घंटे से खडा कर दबंई से उसके कागजात छीन लिये गए। वह मामला भी मीडिया में आने के बाद  तूल पकड गया।  
                                       
इस पूरे खेल में स्थानीय गुण्डों और परिवहन कि भूमिका संदिग्ध .
विदित हो कि इस एकीकृत जाँच चौकी से होकर अंतर्राज्जीय वाहन गुजरते हैं यह मार्ग राजस्थान को जाता है। इस पर से गुजरने वाले वाहनों की चैकिंग फॉरेस्ट, परिवहन, मण्डी और वाणिज्यकर विभाग के द्वारा की जाती है। लोड चैकिंग भी यहीं होती है मगर इन वाहनों से सुविधा शुल्क लेकर वाहनों को एकीकृत सीमा जाँच चैकी पर केन्द्रीय मार्ग से निकाला जाकर इस तमाम जाँच से परे कर दिया जाता है। 

सूत्रों की मानें तो इस सेन्ट्रल मार्ग से निकासी के एवज में ओवरलोड ट्रक, ट्रॉला से 20 से 25 हजार रुपए प्रति वाहन वसूले जाते हैं। इस कारोबार को राजस्थान और म.प्र.के माफिया तत्वों से मिलकर शिवपुरी के कुछ स्थानीय गुण्डे संचालित करा रहे थे।