
कृपया याद रखें, भारत में किसी भी प्रकार के अपराध के लिए बिना सुनवाई के किसी को दोषी नहीं माना जाता। हत्या जैसे जघन्य अपराध में भी आरोपित को अपना पक्ष रखने और खुद को निर्दोष प्रमाणित करने का पूरा अवसर दिया जाता है। कृपया सोशल मीडिया पर फैलने वाली ऐसी अफवाहों पर कतई और कभी ध्यान ना दें, बल्कि ऐसी अफवाहों को रोकने का प्रयास करें।
इस मामले में अपडेट सिर्फ इतना है कि चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(2) के तहत उन्हे नोटिस जारी किया है। यदि वो करप्ट प्रेक्टिस की दोषी पाई जातीं हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। पूरी जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें