
समर्पित डाकू मलखान सिंह ने मंगलवार को कोलारस विस क्षेत्र के कोलारस, बदरवास के खरई, बिजरोनी सहित कई गांवों में दौरा कर भाजपा के समर्थन में वोट मांगे। लोकतंत्र के खिलाफ हथियार उठाने की घटना को डाकू सही सिद्ध करने की कोशिश करता है। जनसंपर्क के दौरान मीडिया से बातचीत में उसने बताया कि बिलाव गांव के राम जानकी मंदिर को लेकर हुए विवाद में सरपंच ने झूठे मुकदमे लदवा दिए थे, बस यही अन्याय सहन नहीं किया था। इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर बागी बनना पड़ा। बता दें कि ऐसे अवसर पर एफआईआर को चुनौती देने और उच्च स्तर तक अपील करने का अधिकार भारत के नागरिक को प्राप्त है, परंतु मलखान सिंह ने किसी से अपील नहीं की, किसी कोर्ट में कथित फर्जी एफआईआर को चुनौती नहीं दी। हथियार उठा लिए और डाकू बन गया।
भिंड जिले के बिलाव गांव के रहने वाले मलखान सिंह के गिरोह पर 185 हत्या और अपहरण करने के आरोप थे। इसके बाद उनकी गतिविधियां तेज होने पर पुलिस ने उन्हें ए-3 टारगेट पर दर्ज कर दिया। मप्र के अलावा उप्र और राजस्थान की पुलिस को भी इस खतरनाक अपराधी की लंबे समय तक तलाश रही। मप्र में भिंड, मुरैना, श्योपुर के अलावा शिवपुरी के जंगलों में यह ठिकाने बनाता रहा। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह सरकार की पहल पर मलखान सिंह ने 17 जून 1982 को आत्म समर्पण कर दिया था। इसके बदले में सरकार ने मलखान सिंह को भूदान के तहत गुना जिले के आरौन में जमीन भी दी है।