
इस अवसर पर अग्रवाल समाज के परिजन विष्णु अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, धर्मेन्द्र अग्रवाल, दीपेश अग्रवाल, शिवम अग्रवाल मौजूद रहे जिन्होंने संकल्प लिया कि वह प्रतिवर्ष अपने परिजनों की स्मृतियों को सहेजने के लिए इन मनोरोगियों के बीच आकर उनकी सेवा की।
ताकि इनमें भी अपनत्व का भाव आए और यह स्वयं को असहाय ना समझें साथ ही अपना घर आश्रम संचालित करने वालों के प्रति आभार ज्ञापित किया कि वह मानव सेवा का सबसे बड़ा पुण्य कार्य इन बेसुधों(मनोरोगियों) की सुध लेते हुए कार्य कर रहे है।