कोलारस- मुंगावली के उपचुनावो से पूर्व सांसद सिंधिया घोषित हो सकते है सीएम के उम्मीदवार

शिवपुरी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के समक्ष मौजूद विषयों के बारे में फैसला लेना शुरू कर दिया है। सांसद कमलनाथ को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र और गोवा का प्रभार सौंपा गया है। जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पांच अन्य राज्यों का प्रभार दिया गया है। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटोनी को दक्षिण भारत का प्रभार सौंपा गया है। अगली कड़ी में मध्यप्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा संभावित है। सूत्र बताते हैं कि एक दो दिन में मध्यप्रदेश में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। 

अभी तक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं थी जबकि भाजपा ने अनेक राज्यों में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सफलता अर्जित की है इसे देखते हुए कांग्रेस में भी सीएम केंडिडेट घोषित करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव पड़ रहा था।

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुखर होकर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की पैरवी की। हालांकि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लडऩे के पक्षधर थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी और गेंद कांग्रेस नेतृत्व के पाले में छोड़ दी थी। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि वह सांसद सिंधिया के नेतृत्व में प्रदेश में काम करने के लिए तैयार हैं और उन्हें श्री सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर कोई परहेज नहीं है। सांसद सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और सभी लोग चाहते हैं कि चौहान सरकार को सत्ता से विमुख किया जाए। सूत्र बताते हैं कि श्री सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का निर्णय पार्टी आलाकमान काफी समय पूर्व ले लिया था, लेकिन इसके लिए सही समय का इंतजार किया जा रहा था। 

पार्टी को आशंका थी कि निर्णय को लेने में जल्दबाजी से नुकसान भी संभावित है, लेकिन अब जब चुनाव में महज सात आठ माह शेष हैं। पार्टी की सोच है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का यह सही समय है। 24 फरवरी को कोलारस और मुंगावली में भी उपचुनाव हो रहे हैं और दोनों विधानसभा सीटें सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में हैं। पार्टी का मानना है कि सिंधिया की उम्मीदवारी घोषित करने से दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को लाभ मिलेगा और उसकी जीत सुगम होगी।