लोन स्वीकृत न होने पर सरकार द्वारा भेजी सब्सिडी लौटाई, रिश्वत मांगने का लगाया आरोप

शिवपुरी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत एक युवक लालाराम शाक्य का रोजगार हेतु लोन प्रकरण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा पोहरी को भेजा गया, लेकिन हितग्राही लालाराम शाक्य का आरोप है कि 50 हजार रूपए रिश्वत न देने के कारण उसका लोन प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया। हालांकि मध्यप्रदेश शासन ने 1 लाख 50 हजार रूपए की सब्सिडी बैंक को भेज दी, लेकिन ऋण स्वीकृत न होने पर बैंक ने उक्त राशि वापिस लौटा दी। श्री शाक्य ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की है, लेकिन उक्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

हितग्राही लालाराम शाक्य का आरोप है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी से मुक्ति हेतु ऋण उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन बैंक अधिकारी और कर्मचारी उनके प्रयासों पर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। लालाराम शाक्य द्वारा एक साल पहले अपने लिया मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत 5 लाख का लोन ग्राम उधोग से दोना पतल का धंधा करने के लिए करवाया था। 

इसके लिए वह लगातार भारतीय स्टेट बैंक के चक्कर लगा कर थक गया है बैंक के लोन कर्मचारी द्वारा 50 हजार रुपए की मांग की गई थी बैंक में लोन तो पास नही हुआ पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा उसकी सब्सिडी की 1 लाख 50 हजार की राशि बैंक को भेजी जा चुकी थी  लालाराम शाक्य द्वारा बैंक कर्मचारी को पैसे नही दिए तो कर्मचारी द्वारा राशि वापिस कर दी गयी और ग्राहक को धमकी भी दी कि जहाँ भी शिकायत कर ले कोई हमारा कुछ नही कर सकता। 

इनका क्या कहना है 
मैं लगातार पोहरी भारतीय स्टेट बैंक के चक्कर लगा रहा हूं। मैंने 5 लाख रुपए का लोन मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से करवाया था बैंक कर्मचारी द्वारा पैसे की मांग की गई थी पैसे नही देने के कारण शासन द्वारा जो सब्सिडी की राशि आई थी वापिस कर दी जिसकी शिकायत सी.एम हेल्पलाइन पर की है कोई करवाई नही हुई।
लालाराम शाक्य शिकायतकर्ता

मेरी जानकारी में मामला नही है पैसे की मांग नही की गई है यदि ऐसा कोई मामला है तो मैं देखता हूं
प्रवीण पॉल शाखा प्रवन्धक भारतीय स्टेट बैंक पोहरी