
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरपालिका ने अपने पत्र क्रमांक 923/17 दिनांक 27.12.2017 के जरिए दिए गए कार्यादेश में उल्लेख किया है कि वार्ड क्रमांक 9 और 18 में पेयजल समस्या होने से एक ट्रेक्टर टैंकर की आवश्यकता है। इसके लिए वर्ष 2017-18 के लिए स्वीकृत 1245 रूपए प्रतिदिन अनुसार एक ट्रेक्टर लगाकर नगरपालिका की निविदा शर्तों के अनुसार और उपयंत्री/सहायक यंत्री के निर्देशानुसार तथा वार्ड में नियुक्त कर्मचारी के निर्देशन में अशोक राठौर पेयजल परिवहन का कार्य करें, लेकिन जैसे ही इस कार्यादेश की जानकारी मीडिया को लगाी तो मामले ने तूल पकड़ लिया और नगरपालिका में हडक़ंप व्याप्त हो गया।
जिससे घबराकर आनन-फानन में नगरपालिका प्रशासन ने पार्षद पति अशोक राठौर को जारी कार्यादेश के स्थान पर उनके बताए गए व्यक्ति संदीप सिंह को कार्यादेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही टैंकर के नम्बर में भी बदलाव कर दिया गया। श्री राठौर को टैंकर एमपी 33 एबी 0719 के जरिए पेयजल सप्लाई करनी थी जबकि उनके स्थान पर जिस संदीप सिंह को कार्यादेश दिया गया उसे टैंकर क्रमांक एमपी 33 ए 6914 से पेयजल सप्लाई करने का आदेश दिया गया।
इनका कहना है
नगरपालिका ने अगर पार्षद पति के नाम से कोई कार्यादेश जारी किया है तो यह गलत है तथा नपा अधिनियम का उल्लंघन है। अधिनियम के तहत इस मामले में पार्षद पर दंडात्मक कार्यवाही होने के साथ-साथ उनका कार्य आदेश निरस्त करने की कार्यवाही सीएमओ द्वारा किए जाने का प्रावधान है।
रामनिवास शर्मा, पूर्व नगरपालिका सीएमओ
आपके माध्यम से मुझे यह जानकारी प्राप्त हुई है अगर ऐसा हुआ है तो मामले में कार्यवाही की जाएगी और उक्त कार्यादेश भी निरस्त किया जाएगा।
अनिल शर्मा अन्नी, उपाध्यक्ष, नगरपालिका शिवपुरी
मुझसे भूलवश अपने नाम से कागज जमा हो गए थे उस समय नगरपालिका ने मेरे नाम से कार्यादेश जारी कर दिया था, लेकिन जब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ था तो मैंने उक्त ठेका सुनील रघुवंशी के नाम से करा लिया और उसका कार्यादेश भी जारी हो गया है।
अशोक राठौर, पार्षद पति, वार्ड क्रमांक 18
पार्षद पति अशोक राठौर ने टैंकर लगाने के लिए अपने नाम से आवेदन दिया था और भूलवश कार्यादेश उनके नाम जारी हो गया, लेकिन जब गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने अपने किसी परिचित के नाम ठेका लिया है और उसके नाम पर कार्यादेश जारी कर दिया है।
गोविंद भार्गव, प्रभारी सीएमओ, शिवपुरी
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