लो अब सीमा पर तैनात जवान के परिजनों से अस्पताल में अभ्रदता

शिवपुरी। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इस समय बैंटीलेटर पर है। जिला चिकित्सालय का आईसीयू बंद है। यहां का स्टाफ आए दिन अभद्रता और गालीगलौच के लिए सुर्खियां बटौरता है। परंतु इस स्टाफ की अभ्रदता ने सेना में सीमा पर डटे एक जवान के परिजनों को ही नहीं बक्सा। आज स्टाफ ने जवान के परिजनों के साथ जमकर अभद्रता की। हांलाकि जब परिजनों ने इस बात की शिकायत सीएम और आरएमओ से की। तो अस्पताल में पदस्थ ड्यूटी नर्सें ने अपने अधिकारीयों को भी तब्बजों देना मुनासिब नहीं समझा। मरता क्या न करता परिजन हताश होकर अपनी लाड़ली को लेकर ग्वालियर चले गए। 

जानकारी के अनुसार आंचल अवस्थी पिता अनुराग अबस्थी उम्र 14 वर्ष निवासी खेड़ापति कॉलोनी शिवपुरी केन्द्रीय विद्यायल में कक्षा 9 की छात्रा है। आज उक्त छात्रा अपने स्कूल गई हुई थी। तभी उसे स्कूल में सांस लेने में दिक्कत आने लगी। स्कूल प्रबंधन ने इस बात की सूचना आंचल के परिजनों को दी। आंचल के पिता सीआरपीएफ में जम्बू में पदस्थ है उन्होंने तत्काल अपने घर पर उक्त घटना की सूचना दी। आंचल की मां अपनी लाड़ली को लेकर जिला चिकत्सालय पहुंची। जहां ड्यूटी पर पदस्थ डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालात को देखते हुए भर्ती करा दिया। 

उसके बाद जब किशोरी की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ तो परिजनों ने तत्काल डॉक्टर संदीप शर्मा और डॉक्टर रावत को उक्त मासूम को देखने की गुजारिश की। परंतु डॉक्टर उक्त बालिका को देखने के बजाए ऑक्सीजन लगाने की हिदायत दी। हद तो तब हो गई जब उक्त बालिका के यहां जो ऑक्सीजन का सिलेण्डर लगाया वह खाली था। उसके बाद जब परिजनों ने उक्त मामले की शिकायत नर्सो से की तो वह अभद्रता पर उतारू हो गई। 

सीमा पर तैनात जवान के परिजनों से सरेआम अभद्रता के बाद परिजन सीएस और आरएमओ के पास पहुंचे। जहां दोनों ने आकर देखा तो उनके सामने ही ड्यूटी नर्से कहने लगी कि अगर ऐसी व्यवस्थाएं चाहिए तो किसी प्रायवेट में ले जाते यहां क्यों लाए हो। परिजनों ने तत्काल मासूम को ग्वालियर ले जाना उचित समझा और तत्काल उसे ग्वालियर ले गए।