भावांतर भुगतान योजना को बेहतर क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर ने गठित किए दल

शिवपुरी। कलेक्टर तरूण राठी ने भावांतर भुगतान योजना के बेहतर एवं सुचारू क्रियान्वयन के साथ-साथ किसानों को भुगतान में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसको मद्देनजर रखते हुए जिले एवं अनुभाग स्तर पर जांच दलों का गठन किया है। यह जांच दल समय-समय पर मंडियों में आकास्मिक भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जांच करेंगे और कृषकों को इस योजना का लाभ दिलाएगें। 

कलेक्टर श्री राठी द्वारा जारी आदेश में जिला स्तरीय दल में उपसंचालक कृषि श्री आर.एस.शाक्यवार, उपायुक्त सहकारिता के.के.द्धिवेदी, जिला केन्द्रीय बैंक जिला शिवपुरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ए.एस.कुशवाह, सहायक संचालक उद्यान आर.बी.शर्मा, जिला आपूर्ति अधिकारी नारायण शर्मा को शामिल किया गया है। जबकि अनुविभागीय स्तरीय दल में संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी (कृषि), सहकारिता विस्तार अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को रखा गया है। 

एसएमएस के माध्यम से किसानों को दें सूचना
कलेक्टर श्री राठी ने इस संबंध में सभी मण्डी सचिवों को निर्देश दिए है कि किसानों के लिए छाया एवं पेयजल की समूचित व्यवस्था हो, किसानों की फसल की तौल समय पर हो एवं तौल धर्मकांटा एवं इलेक्ट्रोनिक कांटे से ही हो, किसानों को बेची गई फसल के मूल में से न्यूनतम 50 हजार रूपए नगद भुगतान किए जाए। 

फसल की नीलामी उपरांत अनुबंध पर्ची, तौल पर्ची, भुगतान पत्रक में किसान पंजीयन क्रमांक, नाम, पता, विक्रय की गई फसल की मात्रा व दर स्पष्ट रूप से उल्लेख की जाए। मण्डियों में कृषकों की अधिक संख्या को देखते हुए एसएमएस के माध्यम से कृषकों को मण्डी में बुलाया जाए। किसान, मध्यप्रदेश के निवासियों, उनका पंजीयन भावांतर भुगतान योजना में ही हो और विकृत फसल का भी पंजीयन हो। 

भूमि की ऋण पुस्तिका, भावांतर पंजीयन की रसीद, आधारकार्ड, बैंक खाता, समग्र आईडी की छायाप्रति, विक्रय के समय किसानों द्वारा प्रस्तुत की जाए। कृषि विभाग द्वारा निर्धारित फसल बार उत्पादकता के अनुसार ही फसल बेची जा सकती है। प्रत्येक मण्डी में भावांतर योजना के प्रचार-प्रसार संबंधी बोर्ड लगाए जाए तथा माईक के माध्यम से भी भावांतर योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए।

यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भावांतर में पंजीकृत व अपंजीकृत कृषकों की फसलों की बोली हेतु एक ही लाईन लगाई जाए। गठित समितियां भावांतर योजना के सुगम क्रियान्वयन हेतु व्यापारियों की साप्ताहिक बैठक आयोजित कर करेंगी।