कस्टम गेट पर देर रात तक चला सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर, रंगारग प्रस्तुति, झांकीयों ने मोहा मन

शिवपुरी। साम्प्रदायिक सदभावना और धर्म संस्कृति व सभ्यता की मिसाल बन चुका गणेश महोत्सव के आज समापन अवसर पर आयोजित यह भव्य कार्यक्रम प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है और गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति जिस उत्साह और उमंग के साथ इस त्यौहार को रंग देती है यह तारीफ ए काबिल है। शिवपुरी की धरा मेेरे पूर्वजों की कर्मस्थली है जिसे संवारने के लिए मेरे साथ मिलकर शहर की जनता कदम से कदम मिलाकर चल रही है। उक्त उदगार स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रात्रि में कस्टम गेट पर आयोजित गणेश सांस्कृतिक समारोह के भव्य मंच से दिए। उन्होंने कार्यक्रम की भव्यता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। 

इस दौरान मंच पर मुख्य अतिथि सांसद सिंधिया के साथ 2017 की मिस इंडिया रनरअप काव्या सिथोले मॉडल नेहा सहित धर्मगुरू लक्ष्मणदास जी महाराज और शिवहरे समाज के जिलाध्यक्ष डॉ. रामकुमार शिवहरे, मनीषा शिरडोनकर, नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी, गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति के अध्यक्ष तेजमल सांखला, कार्यवाहक अध्यक्ष मनीष जैन, संयोजक रामकृष्ण मित्तल, स्वागत अध्यक्ष अमित शिवहरे, सह संयोजक विनोद राठौर, उपाध्यक्ष प्रमोद गर्ग, तरूण अग्रवाल और सिद्र्धाथ लढ़ा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समिति के सचिव महेंद्र रावत द्वारा किया गया।  

कार्यक्रम का शुभारंभ रात्रि 9 बजे गणेश पूजन के साथ किया गया। इसके बाद मंचासीन अतिथियों का स्वागत करने के पश्चात कार्यक्रम का आगाज हुआ। जहां सीनियर और जूनियर ग्रुप के कलाकारों ने एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां दी।  जिनमें देशभक्ति और धार्मिकता से ओत-प्रोत गीतों पर नृत्य किया। मैया यशोदा  ये तेरा कन्हैया पनघट पे मेरी पकड़े है बइयां गीत पर ग्रुप द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं शिव तांडव पर शिव रूप धरकर आए बाल कलाकार ने प्रस्तुति मंचासीन अतिथियों का मन मोह लिया। रात्रि करीब 2 बजे सुंदर आकर्षक और विशाल प्रतिमाओं का आगमन मंच के सामने हुआ। कलारबाग के राजा समिति द्वारा आकर्षक गणेश प्रतिमा को देखने के लिए लोग मंच पर आयोजित कार्यक्रमों को छोडक़र उमड़ पड़े। 
गणेश प्रतिमा के पीछे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगाई गई झांकी के साथ भगवान शिव की विशाल प्रतिमा की झांकी भी थी। जहां शिव के त्रिशूल पर भगवान गणेश विराजमान थे। इसी तरह जलमंदिर का राजा समिति द्वारा विशेष रूप से सजाई गई भगवान गणेश की प्रतिमा मौजूद थी तो बिजली घर की झांकियां भी आकर्षण का केंद्र बनी हुईं थीं। 

लुहारपुरा उत्सव समिति, टेकरी का राजा सहित अनेकों समितियों के सुंदर विमान मंच के सामने से एक एक कर निकले। आर्यसमाज मित्र मंडल द्वारा जबलपुर के भेड़ाघाट में स्थित भगवान शिव की विशाल प्रतिमा की तर्ज पर बाल कलाकारों ने शिव की प्र्रतिमा निर्मित की जिसकी सुंदरता और प्रतिमा पर उकेरी गई कला चर्चा का विषय रही। प्रजापति समाज द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर उठाये भगवान कृष्ण की झांकी भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही। बिजली घर द्वारा बनाई गई द्रोपदी चीरहरण और लंका विजय कर माता सीता के साथ पुष्पक विमान में सवार होकर अयोध्या वापस लौटते भगवान राम, लक्ष्मण और उनकी वानर सेना की झांकी अपनी कला के लिए चर्चित थे।