श्वेताम्बर जैन समाज के प्रर्यूषण पर्व का प्रारंभ

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शिवपुरी। जैन धर्म के प्रसिद्ध धामिज़्क त्यौहार पर्यूषण पर्व शुक्रवार से शुरू हुए। इस दौरान श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर में प्रात: 9 बजे से धार्मिक कार्यक्रमों की शुरूवात हुई, जिसमें पूजन, विधि, तप और ज्ञान के के साथ जावरा से पधारे भाई राजेन्द्र दलेरा, अनिल दलेरा व श्रीयांस जैन ने पयूर्षण महापर्व की महिमा को बताया। इस दौरान अपने प्रवचनों में पर्युषण महापर्व की महिमा को शास्त्र अनुसार बताया कि पर्यूषण के इन आठ दिनों में ज्यादा से ज्यादा जीव हिंसा को रोकने का प्रयत्न करें और तप करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि भगवान ने तप करने को हर दो दिनों बाद एक पर्व तिथि बताई, अगर न हो सके तो हर माह में एक पर्व दिन निश्चित किया अगर वो भी न हो सके तो साल भर में एक बार पर्युषण महापर्व में तो निश्चित ही तप आराधना करनी चाहिए। शास्त्र अनुसार जावरा से पधारे भाई राजेन्द्र जी, अनिल जी व श्रीयांस जी ने पांच तपों का उल्लेख किया जिसमें अमारि परिवर्तन अथवा किसी भी प्रकार से जीव हत्या ना हो, साधर्मिक भक्ति यानि अपने साधर्मिक भाई को हर संभव तरह से धर्म सेे जोड़ें, उसे सहयोग करें, तृतीय चेत परिपाटी अर्थात् जैन तीर्थ स्थलों के दर्शन कर धर्म लाभ अर्जित करें।

चौथा तप क्षमापना करना यानि क्षमा करना और की गई गलती अथवा हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगना अंत में पांचवा तप अर्धम तप बताया और सबसे छोटा तप नवकारसी होता है। इन आठ दिनों में घरेलू जीव हिंसा रोकने का सबसे अच्छा उपाय फ्रिज को बंद रखना चाहिए। इस दौरान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष दशरथमल सांखला व कार्यकारी अध्यक्ष तेजमल सांखला सहित समाज के सभी जैन धमार्वलंबी धर्मसभा में मौजूद थे। पर्युषण के अवसर पर मंदिर परिसर में विशेष पूजन भी किए गए और बाहर से आए हुए कलाकार आयोजित कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुतियां देंगें। इसके अलावा पर्यूषण पर्व में जैन समाज पर आधारित विभिन्न प्रकार के कायज़्क्रमों की शानदार प्रस्तुति भी समाज बन्धुओं एवं बच्चों द्वारा दी जाएगी। पर्यूषण पर्व के अवसर पर सभी श्वेताम्बर जैन समाजजनों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है। 
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