
प्राप्त जानकारी के अनुसार अशोक राठौर पुरानी शिवपुरी में गैस सिलेण्डर भरने का कार्य करता है। आज उसके घर पर सिलेण्डर लेकर आनंद बशंकार और भैया साहब बशंकार आए। आनंद बंशकार के पास गैस से भरा हुआ सिलेण्डर था और वह चाहता था कि उस सिलेण्डर में से आधा सिलेण्डर भरकर उसके जीजा को दे दिया जाए ताकि वह भी खाना बना सके।
बताया जाता है कि जिस कमरे में गैस सिलेण्डर भरने का काम हो रहा था वहीं अशोक राठौर की पत्नि नीलम राठौर खाना बना रहीं थी। गैस लीकेज होने से अचानक तेजी से आग भडक़ गर्ई और उस आग की लपेट में आनंद भैया साहब तथा अशोक राठौर आ गए।