युक्तियुक्तकरण: जब भर्ती के समय साइंस प्रथम पद है तो शिक्षक अतिशेष क्यों

शिवपुरी। शिक्षा विभाग मेें प्रचलित युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर नित नये आदेश जारी होने से सम्पूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया सवालों की जद में आ गई है। इसके विपरीत शिक्षकों की समस्याओं एवं आपत्तियों का निराकरण न होने से पूरा शिक्षक वर्ग आहत है। वहीं नए छात्र-शिक्षक सेटअप में माध्यमिक विद्यालयों के विज्ञान शिक्षकों को 141 छात्र संख्या पर शाला में पद दिया गया है जिससे अधिकतर विज्ञान शिक्षक अतिशेष हो गये हैं। 

विज्ञान शिक्षकों ने शालाओं में पद न होने और अतिशेष होने पर दोहरी समस्या का निराकरण कर पूर्व भर्ती नियमानुसार शाला में प्रथम पद विज्ञान का लागू करने की मांग की है तथा इस सम्बंध में उनका कहना है कि जब भर्ती के समय विज्ञान को प्रथम पद मानते हुये उनकी भर्ती की गई थी तो अब उन्हे अतिशेष क्यों माना जा रहा है इस सम्बंध में उन्होने आरटीई 2009 की अनुसूची की धारा 9 एवं 25 में क्रमांक 1 के ख में माध्यमिक शालाओं में विषयमान पद के क्रम में प्रथम पद विज्ञान के शिक्षक को रखा गया है।

अपने ज्ञापन के क्रम में बुधवार को अध्यापक कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुये जहां उन्होने माध्यमिक विद्यालयों की पद सरचना को परिवर्तित कर पूर्व की भांति विज्ञान विषय का प्रथम पद शाला में रखने की मांग करते हुये मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधीश की ओर से डिप्टी कलेक्टर श्री पाण्डेय जी को सौंपा है। 

ज्ञापन में प्रमुख रूप से दिलीप त्रिवेदी, गोपाल जैमिनी, सतीष वर्मा, स्नेेह रघुवंशी, राजकुमार सरैया, धर्मेन्द्र रघुवंशी, श्रीमती वन्दना शर्मा, अरविन्द सरैया, सुनील वर्मा, मनमोहन जाटव, राजविहारी शर्मा, संजय भार्गव, प्रदीप नरवरिया, श्रीमती विनीता हिनवार, प्रतिभा गंदर्भ, सरिता शाक्य, लक्ष्मीनारायण कुशवाह, अतुल चौधरी, राजेश कोली, धर्मेन्द्र कुशवाह, रवि धाकड़, गणेश गुप्ता, श्रवण बाथम राजेश कवीर, भारत रावत, आदि प्रमुखरूप से शामिल थे।  
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