मध्यप्रदेश सरकार: बिजली की दरों में वृद्धि पर जताया विरोध

शिवपुरी। किसी भी सूरत में आम आमदी के साथ प्रदेश सरकार की बिजली के नाम पर लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी, आम आदमी पार्टी ने पूर्व में ही प्रदेश की भाजपा सरकार को चेता दिया था कि वह विद्युत नियामक आयोग द्वारा की जा रही वृद्धि को रोकें अन्यथा आप पार्टी जनहित में इस मुद्दे के लेकर आन्दोलन करेगी, अब चूॅंकि प्रदेश सरकार ने अपनी मनमानी कर ली और विद्युत दरों मे वृद्धि भी कर दी  अब से आप पार्टी इस विद्युत विभाग और उसकी महंगी बिजली के खिलाफ जनता के साथ जनहित की लड़ाई लड़ेगी।

प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में भोपाल में जब बिजली दर वृद्धि के खिलाफ आप पार्टी ने प्रदर्शन किया था तब प्रदेश सरकार ने हम पर लाठी चार्ज की और गिरफ्तार किया बाबजूद इसके हम अब भी शांत नहीं होंगे और महंगी बिजली दर वृद्धि के खिलाफ विरोध करते रहेंगें। उक्त बात कही आप पार्टी के जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा ने जो स्थानीय होटल हैप्पीनेस में आप पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों भूपेन्द्र विकल व विपिन शिवहरे के साथ पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। 

प्रदेश सरकार ने दिया निजी कंपनियों के फायदे के लिए आम जनता की लूट का आदेश
आप पार्टी के जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार की बिजली कंपनियों की याचिका पर राज्य विद्युत नियामक आयोग के बिजली दर वृद्धि का हाल का आदेश स्पष्ट रूप से निजी कंपनियों के फायदे के लिये आम जनता की लूट का आदेश है। इस आदेश में घरेलु, कृषि, व्यवसायी सभी वर्गों के लिये बिजली की दर लगभग 10 प्रतिशत बढ़ा दी गयी है, जबकि इन सभी दरों में भारी कमी की जानी चाहिये थी। आज यह लूट बंद कर तत्काल ही बिजली की दरों में 30प्रतिशत कमी की जा सकती है लेकिन यह नहीं किया गया और उल्टा जनता पर ही बोझ डाल दिया गया। 

निजी कंपनियों को दी लूट की छूट, दिया आंकड़ा
आप पार्टी के भूपेन्द्र विकल व विपिन शिवहरे ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह सरकार की बिजली कंपनियों की बात को स्वीकार करते हुए विद्युत् नियामक आयोग ने निजी कंपनियों को आम जनता को लूटने की छूट दी है जिसमें निजी विद्युत् कंपनी जेपी बीना पॉवर को रु 452 करोड़ का भुगतान बिना एक यूनिट बिजली खरीदी किये करने का आदेश दिया है। 

इसके लिए बड़ी होशियारी से जेपी बीना पॉवर की बिजली की लागत रु 2.61 प्रति यूनिट बतलायी है तथा रु 2.60 तक की खरीदी की अनुमति दी है अर्थात जेपी बीना पॉवर से एक यूनिट भी बिजली नहीं खरीदना है पर सरकार उसे 452 करोड़ रूपये का भुगतान करेगी। इसी प्रकार झाबुआ पॉवर, सिवनी को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 229 करोड़ रूपये भुगतान किये जायेंगे। यहां बता दें कि यह उपरोक्त दोनों विद्युत क्रय अनुबंध पूर्णत: अवैधानिक है जिसे रद्द किया जाना चाहिए। 

इसके अलावा लेन्को अमरकंटक को 285 करोड़ के फिक्सड चार्ज भुगतान का आदेश दिया है जबकि कंपनी के साथ संपादित अनुबंध में ऐसा कोई भुगतान तय नहीं है न ही नियामक आयोग ने इस प्लांट से बिजली लेने की कोई दर तय की है।