बलारपुर मेला: प्लास्टिक की थैली में स्वीकार नहीं किया जाएगा प्रसाद

शिवपुरी। चैत्र नवरात्र के अवसर पर प्रसिद्ध बलारी माता मंदिर पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले धार्मिक मेले की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। बलारी माता मेला 01 अप्रैल से 03 अप्रैल 2017 तक लगाया जाएगा। माधव राष्ट्रीय उद्यान के सहायक संचालक व्ही.एस.यादव ने बताया किया बलारी माता मेले हेतु आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेला स्थल पर प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम, चिकित्सा सहायता केन्द्र, वाहनों की पार्किंग, पीने के पानी के टेंकर आदि की व्यवस्थाऐं की गई हैं। 

मेले में आने वाले वाहनों से प्रशासन द्वारा गत वर्ष अनुसार नियत किया गया प्रवेश शुल्क करई चैकी एवं भरकुली चैकी पर वसूला जाएगा। प्रवेश शुल्क गत वर्ष अनुसार बस, ट्रक आदि बड़े वाहनों से रू. 50/- प्रति ट्रिप, कार, जीप, ऑटो रिक्शा से रू. 20/- एवं मोटर सायकलों से रू. 10/- प्रति वाहन लिया जाएगा। नेशनल पार्क के सहायक संचालक ने भी श्रद्वालुओं से मनौती के नाम पर पशु बलि एवं वनक्षेत्र में आग लगाने जैसी कुरीतियां बन्द करने की अपील की है।

बलारपुर मंदिर के महन्त श्री प्रयाग भारती ने श्रद्वालुओं से आव्हान किया कि मंदिर में अर्पित की जाने वाली प्रसाद एवं अन्य पूजन सामग्री को पन्नी-प्लास्टिक की थैलियों में रखकर ना लावें। पन्नी या प्लास्टिक की थैलियों में रखकर लाई जाने वाली प्रसाद सामग्री मंदिर में स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मेले में प्रदूषण फैलाने वाले कोई कार्य श्रद्वालु न करें। 

मेले में भंडारों के आयोजक भी प्लास्टिक डिस्पोजल वाली प्लेट, ग्लास, कटोरिया एवं च मचें आदि में खाघ सामग्री एवं चाय का वितरण न करें। मौटे कागज या पलाश के दोने पत्तलों का ही उपयोग किया जावे। महन्त ने कहा कि मेला क्षेत्र में पशु बलि की पूरी तरह मनाही है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म के अनुसार निरीह प्राणियों की बली देना बहुत बड़ा पाप है। 

मेले के दौरान बलारपुर मंदिर आने वाले भक्तों से अनुरोध किया है कि वनक्षेत्र में आग किसी भी स्थिति में न लगाए, क्योंकि आग से असं य जीव जन्तु एवं वनस्पति जलकर नष्ट हो जाती है एवं पर्यावरण को भारी नुकसान पहुॅचता है, जिसका दुष्प्रभाव अंतत: पूरे समाज को भोगना पड़ेगा।