साथी शिक्षक की हार्डअटैक से मौत, वाट्सएप पर अपील,चार घण्टे में जुटाई 50 हजार की सहायता राशि

शिवपुरी। बैसे तो सोशल मीडिया के चलते लगातर क्राईम का ग्राफ में बडौत्तरी हो रही है वही आज सोशल साईड़ वाट्सएप ने एक नई दिशा दी । सरकारी स्कूलों में कार्य करने वाले अध्यापकों का न तो बीमा है और न ही उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह पेंशन का कोई प्रावधान है। ड्यूटी समय पर आकस्मिक मौत हो जाए तो किसी प्रकार की सहायता राशि भी सरकार द्वारा नहीं दी जाती, लेकिन शिवपुरी में अध्यापकों ने ऐसे ही एक मामले में एक एकता और संवेदनशीलता की अनूठी मिशाल पेश की है। 

बुधवार की सुबह स्कूल जाने निकले हाईस्कूल बूधौन राजापुर के अध्यापक किलोल यादव को अपने गांव पचरा में ही अटैक आया और उनकी मौत हो गई जबकि कुछ देर बाद ही किलोल का शव देखकर उनके ससुर श्रीपत यादव ने भी दम तोड़ दिया। इस हृदय विदारक हादसे ने जिले के अध्यापकों को स्तब्ध कर दिया। 

इसी बीच अध्यापकों ने सोशल साइड पर चलाए जाने वाले अपने गु्रप में साथी अध्यापक किलोल के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए पोस्ट डाली, श्रद्धांजलि के बीच महज चार घंटे में सोशल साइड के जरिए अध्यापकों ने अभूतपूर्व ढंग से 50 हजार रुपये की सहायता राशि जुटा ली। साथी की मौत पर श्रद्धांजलि का अध्यापकों का यह तरीका आमजन में सराहना का वायस बना हुआ है। 

ऐसे हुई शुरूआत
बुधवार की शाम अध्यापकों के सोशल साइड गु्रप पर किलोल को श्रद्धांजलि का दौर चल रहा था इसी बीच अध्यापक अवधेश सिंह तोमर ने एक पोस्ट डालकर पीडि़त परिवार के लिए आर्थिक सहायता की अपील की जिस पर तुरंत अध्यापक प्रदीप अवस्थी ने पोस्ट डाली कि किलोल को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम यथासंभव परिवार की आर्थिक मदद करें इसके बाद तो आर्थिक सहायता के लिए एक के बाद एक अध्यापक आगे आने लगे।

शुरूआत 1100 रुपये की राशि से अवधेश सिंह तोमर ने की, फिर किसी ने 2100 तो किसी ने 500 रुपये देना शुरू किया। महज चार घंटे बाद यह आर्थिक सहायता राशि 50 हजार रुपये तक जा पहुंची।

रैली में भी जुटाया सहयोग
गुरूवार को अध्यापकों की मांगों को जिला मु यालय पर रैली थी इसमें भी मृतक साथी को श्रद्धांजलि देने के बाद सहयोग राशि जुटाने का सिलसिला शुरू हुआ, अध्यापक संघ के पदाधिकारियों ने उ मीद जताई है कि सहयोग राशि एक लाख रुपये तक हो जाएगी। 

सरकार को दिया था 10 रुपये का फार्मूला, पर नहीं हुआ अमल
हादसों के दौरान अध्यापकों की मौत के ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर कोई सहायता न मिलने के चलते कुछ दिनों पहले अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के समक्ष एक फार्मूला भी रखा था कि प्रतिमाह उनके वेतन से 10 रुपये ऐसे मामलों के लिए कटोत्रा किया जाए और उस राशि का उपयोग ऐसे मामलों में पीडि़त परिवार को सहयोग राशि देने के रूप में किया जाए, लेकिन सरकार ने इस फार्मूले पर अब तक कोई अमल नहीं किया है। 

यहां बता दें कि प्रदेश में करीब तीन लाख अध्यापक हैं ऐसे में महज 10 रुपये कटोत्रा से प्रतिमाह 30 लाख रुपये की राशि एकत्रित हो सकती है और इस प्रकार की घटनाओं के दौरान पीडि़त परिवारों को बड़ी आर्थिक सहायता इस छोटे से प्रयास से उपलब्ध हो जाएगी।