आदिवासी बनकर योजनाओं का लाभ लेने बाली महिला और पार्षद को 5 साल की कैद

शिवपुरी। जिला एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायालय में श्रीमान न्यायाधीश देबेन्द्र पाल सिंह गौर की अदालत मेें एक महिला और पार्षद को न्यायालय में फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने और उसका लाभ लेने के चलते पांच साल का सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में शासन की और से अधिवक्ता गगन भार्गव ने की है। 

विदित हो कि जिले के कोलारस अनुविभाग के सेसई गांव की महिला मिथला उर्फ मिथलेश पति नरेश सेन उम्र 32 वर्ष हाल निवासी गणेश कॉलोनी शिवपुरी पर बीते 7 मई 2011 में शासन द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनबाकर अपने आप को आदिवासी बताकर अन्तोदय सहित शासन की तमाम सुविधाओं का लाभ लेने का आरोप था। जिस पर पुलिस ने महिला और जाति प्रमाण पत्र जारी करने बाले तत्कालीन पार्षद वार्ड क्रमांक 11 धनीराम परिहार पर धारा 420,467,468,471,474,120 बी के तहत मामला दर्ज कर चालन पैश किया।

जिस पर सुनवाई करते हुए द्वितीय एवं अपर सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र पाल सिंह गौर ने आरोपी महिला मिथलेश सेन को दोशी मानते हुए पांच साल का सश्रम काराबास और ढाई हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई। साथ ही इस मामले के दूसरे और सह आरोपी तत्कालीन पार्षद धनीराम परिहार पुत्र बारेलाल परिहार उम्र 54 वर्ष को पांच साल का सश्रम काराबास और दो हजार रूपये के अर्थ दंड़ से दंडित किया है। इस मामले के तीसरे आरोपी और महिला के पति नरेश की मौत हो गई है।