शिवपुरी। शिवपुरी की समस्याओ की आजादी का संघर्ष रहे युवा छात्रो को पुलिस की गाडी में भरकर जेल भेजने के मामले में कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव  ने मीडिया से कहा कि युवाओ को गिर तार नही किया गया था बल्कि कार्यक्रम स्थल पोलोग्राउंड में विघ्र हो रहा था इस कारण उन्है कार्यक्रम स्थल से हटाया था। कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से यह एक उचित कदम था। 
जेल परिसर में बैठ गए थे गिरफ्तार छात्र
जब प्रशासन ने प्रर्दशन कर रहे युवाओ को पुलिस वैन में भरकर जेल परिसर में ले जाया गया लेकिन उनकी गिर तारी शो नही कि तो छात्र फिर भडक गए और  जेल परिसर में ही धरने पर बैठ कर नारे बाजी करने लगे। छात्रो की गिर तारी होने की खबर के बाद शहर के पत्रकार और राजनीतिज्ञ व्यक्ति जेल परिसर में पहुचने लगे। छात्रो का कहना था कि शिवपुरी हमारी जन्मभूमि है इसको समस्याओ से आजादी दिलाना ही हमारा प्रथम दायित्व है चाहे इसके लिए हमे जेल जाना पडे। 
कलेक्टर ने कहा कि,मै चर्चा को तैयार 
शिवुपरी के जनप्रतिनिधिये ने कलेक्टर शिवुपरी से इस मामले में बातची की और उनसे निवेदन किया कि वह चलकर जेल के बाहर बैठे युवाओं से चर्चा कर लें। कलेक्टर का कहना था कि मुझे चर्चा करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यदि मैं वहां जाता हूं तो यह माना जाएगा कि मैंने कोई गलत काम किया है ऐसे दवाब में मैं नहीं झुकूंगा। 
जब युवाओं की नारेबाजी के कारण शासकीय कार्यक्रम में विघ्र हो रहा था तो मेरे समक्ष उन्हें वहां से हटाने के अलावा कोई चारा नहीं था और मैंने जो कुछ भी किया है वह कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए किया है इसलिए यदि युवा यहां आएंगे तो मैं उनसे चर्चा करने के लिए तैयार हूं। इस पर कलेक्टर से पेशकश की गई कि वह अपने किसी अधीनस्थ अधिकारी को युवाओं के बीच भेजकर उन्हें यहां आमंत्रित करने के लिए तो कह सकते हैं। इस पर कलेक्टर सहमत हो गए।
नायब तहसीलदार पहुंची जेल पर 
नायब तहसीलदार नीलम पड़सेरिया कलेक्टर की भावना से अवगत कराने के लिए युवाओं के बीच पहुंची और उन्हें समझाया कि उनका मकसद अपना काम कराना है न कि अपने किसी इगो का पोषण। इसका परिणाम यह हुआ कि अभय जैन और उनके समर्थक छात्र-छात्राएं कलेक्टर से बातचीत करने के लिए कलेक्ट्रेट जाने के लिए सहमत हुई।