
एसपी कुर्रेशी इस कारण क्राईम ट्रेकिंग मशीन के रूप में याद किया जाऐगा। पिछले 3 वर्षो के क्राईम के ग्राफ से इस एसपी कुर्रेर्शी के कार्यकाल में क्राईम का ग्राफ औधे मुंह गिरा है। आकड़ों पर गौर किया जाए तो बड़े अपराध खासकर हत्या, बलात्कार, लूट, गृहभेदन, चोरी की वारदातें काफी कम हुई है। इसमें सबसे खास बात यह की अपराध के प्रत्येेक मामले में पुलिस ने रिर्पोट दर्ज की है।
इस मामले में एसपी शिवपुरी का कहना था कि कि पुलिस की जो प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, पुलिस की सक्रियताए लगातार जनसवांदो से पुलिस और पब्लिक पास आई है जिससे सही समय पर सूचनाए मिली जिससे अपराध होने से पूर्व ही अपराधों को रोका जा सका और जिले में हुई बडी बारदातों को तत्काल ट्रेस कर अपराधियों को पकडऩे से पुलिस को अपराधिक प्रवृत्ति के लोगो पर मानसिक बढत मिली है। इससे अपराध में गिरावट आई है।
जनसंवादो के कारण पब्लिक पुलिस के पास इस कारण भी आई कि एसपी कुर्रेशी का व्यवहार पब्लिक के साथ सहज था और उनका पुलिसिंग को समझाने का जो तरिका था वह किसी प्रोफसर से कम नही था जब वह पब्लिक को अपने जनसंवादो में उनके हक और कानून और क्राईम को कैसे रोका जाए सूचनाए पुलिस के पास कैसे पहुचाए और पब्लिक की समस्याओ को सुनते हुए और उनका हल निकालते हुए किसी पुलिस के प्रोफेसर की तरह लगते थे।