नोटबंदी पर बात मन की: दुर्गा के संतोषी बनने पर पति भी बोले हर-हर मोदी

कलमवीर/शिवपुरी। जब से नोटबंदी का ऐलान हुआ तब से मीडिया में सिर्फ बैंकिग और हर आमो-खास की प्रतिक्रिया ही आ रही है। शासन द्वारा आदेश प्रकाशित हो रहे है। इन सब बडी खबरों में एक खबर जो इस देश के मासूम से पति के लिए महत्वपूर्ण है वह दब कर रह गई, परन्तु हर ऐसी खबर जो भीड़ में कहीं गुम हो जाए। उसे जनता की अदालत में पेश करना शिवपुरी समाचार का धर्म है। 

इसको पढकर आप महसूस कर सकते हैं शायद आप के साथ भी ऐसा हो रहा होगा। जब से मोदी जी ने नोटबंदी का ऐलान क्या किया, पूरे देश में पत्नियां एक झटके मे कगांल हो गई। बर्षो से उनके पास गढा धन स्वत: ही बहार गया। 

यह धन वह था जो पतियो की जेब से लूटा गया था। स्थिती रहती थी कि किसी बनिए जैसी, 1 करोड पर भी बैठकर बनिया रोता ही रहता है कि मरे पास फूटी कोडी भी नही है। ऐसे ही पत्नि अपने धन के सीने लगाए पैसा न होने का रोना रोती रहती थी। जैसे ही मोदी जी ने 500 और 1000 हजार के नोट की टांग तोड दी वैसे ही यह नोट पत्नियों के सूटकेसो से एक ही झटके में बहार आ गए। 

और जैसे ही पत्नियां कंगाल हो गई और उनसे यह धनशक्ति गई। वैसे ही पतियो को लगने लगा कि वे अब ऐसा महसूस होने लगा कि वे इस घर के स्वामी हो गए है। उनकी घर में पूछ परख होने लगी है समय पर चाय नाश्ता और पसंद और नपसंद का ख्याल रखा जाने लगा है। 

माफ करना इन शब्दो की यहां प्रसंगिकता है लिखना भी पडेगा, कि भारत के कुछ अभागे पतियो की पत्निया जो सक्षात दुर्गा का रूप धारण किए रहती थी। वे कभी-कभी शक्ति प्रर्दशन में अपने पतियो से जानवर कह देती थी अब इसका उल्टा हो रहा है अब उनके वर उनकी जान हो गए है। 

मैने महसूस कि हमारी पत्नि जो सक्षात दुर्गां का रूप धारण किए रहती थी। अब वह संतोषी कैसे बन गई। समझ में नही आया यह परिवर्तन कैसे आ गया, सोचते-सोचते मन ने कहा कि हर-हर मोदी..

समझ में आया कि मेरी पत्नि ने अपना काला धन जब से मुझे समर्पित किया तब से समर्पण का भाव उसमें आ गया। मेर मन में विचार आया देश सुधरे न सुधरे परन्तु मोदी जी आपने देश  पत्नियां जरूर सुधार दी। 

जब से मेरे मन में हर-हर मोदी मंत्र का रहस्य समझ में आया तब से मैने भी घर में आपवाह उडा की अब दिसंबर के बाद छोटे नोट भी बंद हो जाऐगा तब से मेरे जेब में एक सिक्का भी नही गायब होता है। 

यह अपवाह भी काम कर गई इस अफवाह से मेरे जेब में रखा एक पैसा तक सुरक्षित रहता है और दुर्गा से संतोषी बनी मेरी पत्नि का धनशक्ति  से कान्टे1ट नही हो रहा है इस कारण वह अब संतोषी से दुर्गा नही बन सकती है कहा गया है कि इस अर्थ युग में धन शक्ति ही सबसे बडी शक्ति है। अब हो सकता है इस देश के अधिकांश पति हर-हर मोदी मंत्र का जाप अवश्य कर रहा होगा।