
मीडिया द्वारा उक्त मामले को गंभीरता से दिखाने के चलते यह कार्यवाही की गई है।हालांकि एसपी ने इस बात से इन्कार किया कि चूंकि प्रताडि़त अधिकांश बच्चियां अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की हैं इसलिए एसडीओपी राठौड़ को जांच अधिकारी बनाया गया है।
हालांकि यह माना जा रहा है कि पुलिस हिरासत में आरोपी की पिटार्ई मामले की मीडिया कबरेज को गंभीरता से लेकर पुलिस अधीक्षक कुर्र्रेशी ने जांच अधिकारी अराधना डेविस को हटाया है। वहीं पिटने के बाद आरोपी अग्रवाल का पुलिस ने मेडीकल कराया है। तत्पश्चात न्यायालय में पेश किया जहां आरोपी अग्रवाल को तीन दिन के रिमांड पर पुलिस ले लिया है।
जानकारी के अनुसार कल प्रोफेसर के.एन अग्रवाल उर्फ सैक्सी बाबा को उनके अभिभाषक विजय तिवारी के निवास स्थान से पुलिस ने गिर तार किया था। उसके बाद उसे कोतवाली लाया गया। जहां दोपहर के समय पुलिस अभिरक्षा में बालगृह की उन पीडि़त बालिकाओं ने चप्पलों से आरोपी की जमकर धुनार्ई लगा दी। इस घटना में प्रोफेसर के हाथ में चोट भी आर्ई है।
बताया गया है कि गिर तार हुए प्रो. केएन अग्रवाल के समक्ष पीडि़त बालिकाओं ने अपने साथ हुर्ई घटना से संबंधित सवाल किए तो आरोपी भडक़ गया जिससे नाराज बालिकायें आरोपी पर टूट पड़ी और चप्पलों और थप्पड़ों से पिटार्ई लगा दी। इस बीच पुलिस ने बीच बचाव किया लेकिन बालिकाओं के क्रोध से आरोपी को नहीं बचाया गया। आज सुबह जब आरोपी प्रो. अग्रवाल को मेडीकल के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया जहां उसके हाथ में चोट होने पर डॉक्टरों ने उपचार किया।