न्यायालय परिसर से अतिक्रमण हटाने पहुॅचा अमला, तहसीलदार से हुई बहस

शिवपुरी। जिला एवं सत्र न्यायालय के बाहर सडक़ चौैड़ीकरण और र्ई फाईलिंग काउन्टर खोलने के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए एसडीएम के निर्र्देश पर पहुंचे तहसीलदार और नपा सीएमओ के साथ अमले को देखकर अतिक्रमणकारी आक्रोशित हो गए जिन्होंने तहसीलदार से बहस की वहीं  अभिभाषकों ने भी बहस शुरू कर दी। 

बाद में तहसीलदार नवनीत शर्मा ने कल सुबह 10 बजे तक की अतिक्रमण कारियों को मोहलत दी है। वहीं अभिभाषकों को अपनी जगह से संबंधित वैद्य दस्तावेज नपा में जमा कराने के लिए कहा है। 

जानकारी के अनुसार न्यायालय के पास ई फाईलिंग काउन्टर खोलने के लिए जगह उपलब्ध न होने और आए दिन जाम लगने से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए आज दोपहर एसडीएम रूपेश उपाध्याय के निर्र्देश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक और नपाधिकारियों के साथ अतिक्रमणकारियों के बीच बहस हो गई। 

नपा सीएमओ रणवीर कुमार का कहना था कि पीडब्ल्यूडी की बाउन्ड्री के बाहर स्टॉल रखकर अतिक्रमण करने से वहां आए दिन जाम की स्थिति निर्मित रहती है और नर्ई सडक़ का भी निर्माण किया जाना है। अतिक्रमण से न्यायालय में आने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए एसडीएम रूपेश उपाध्याय से उन्हें स्टॉल हटाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। 

जिसके पालन में वह यहां आए हैं, लेकिन अतिक्रमण कारी समय की मांग करते हुए सीएमओ से उलझ गए। जिसमें तहसीलदार नवनीत शर्र्मा ने हस्तक्षेप किया और उन्हें कल सुबह 10 बजे तक की मोहलत दी और जल्द से जल्द अपने अतिक्रमण हटाने के निर्र्देश भी दिए। 

वहीं तहसीलदार ने ई फाईलिंग काउन्टर की जगह का हवाला देते हुए न्यायालय के पास अभिभाषकों के स्टॉलों को हटाने के भी निर्र्देश दिए, लेकिन अभिभाषकों ने उस जगह से संबंधित अपने कागजात दिखाए और विरोध शुरू कर दिया तो तहसीलदार ने उनके कागजात नपा में जमा कराने के लिए कहा और उन्हें अस्वस्त किया कि उनके सभी कागजातों का निरीक्षण किया जाएगा। अगर वह वैद्य पाए जाते हैं तो उन्हें नहीं हटाया जाएगा। 

चाय, पान के स्टॉल के साथ-साथ अभिभाषकों की गुमटियां भी 
न्यायालय परिसर के बाहर पीडब्ल्यूडी की बाउन्ड्रीबाल को आधार मानकर यहां से अतिक्रमण हटना है। बाउन्ड्रीबाल के बाहर चाय, पान के स्टॉल के साथ आभिभाषकों की 45 गुमटियां भी हैं। चाय, नाश्ता और पान की दुकान करने वालों के पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है। 

रोड़ सेंटर से 13 मीटर दोनों तरफ जगह खाली कराना है और इस 13 मीटर के भीतर ही चाय और नाश्ते की दुकानें हैं। लेकिन अभिभाषकों का कहना है कि उन्हें 45 स्टाल लगाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने लीज उपलब्ध करार्ई हैै।