स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाती सेसई पंचायत

इमरान अली/कोलारस। भारत को स्वच्छ बनाने का खूबसूरत सपना जो महात्मा गांधी ने देखा था जिसे पूरा करने का बीड़ा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उठाया है। इसी मिशन को साकार बनाने में एनडीए सरकार हर वर्ष स्वच्छ भारत मिशन पर करोड़ो रूपए खर्च कर रही है और लोगो को जागरूक भी कर रही है। 

लेकिन जनता द्वारा चुने हुए कुछ जनप्रतिनिधियो को ये मिशन राश नहीं आ रहा है। और वह नरेन्द्र मोदी के सपने को नस्तो नाबूत करने में लगे है। साथ ही जिन हाथों में बागडोर सौंपी गई है वहीं अधिकारी भी इस मिशन में कोई खासी रूचि नहीं दिखा रहे है। इस मिशन को सिर्फ एक कागजी कार्यवाही की तरह देख रहे है। 

ऐसा ही मामला कोलारस विधानसभा में नेशनल हाईवे नंबर तीन पर स्थित ग्राम पंचायत सेसई सडक़ में सामने आया है। जहां हमारे समाचार प्रतिनिधी को अस्वच्छता की दुर्लभ तस्वीर देखने को मिली। जहां गली गली में फैली गंदगी चीख चीख कर स्वच्छ भारत अभियान मिशन को आईना दिखा रही है और अपनी पीड़ा सुना रही है और गांव के सरपंच सचिव की जबावदेही पर कई सवाल उठा रही है।

इस गांव में इतना दुर्गन्ध और विशाक्त पूर्र्ण वातावरण बना हुआ है कि यहां के निवासी गांव को छोडक़र कोलारस और शिवपुरी जाकर रहने को मजबूर हो रहेे है। सडकों और गलियो पर मलमूत्र फैल रहा है जिसमें सूअर लोट लगा रहे है।  और आवारा पशुओ ने सडक़ो पर अपना कब्जा जमा लिया है। जिनसे उठती बदबू से यहां निवासरत सेंकड़ो लोग आए दिन कई गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे है। वहीं स्कूली बच्चे रोज इन कीचड़ नुमा रास्तों को पार करके स्कूल का सफर तय करने को मजबूर है। जिससे कई बार बच्चे असंतुलित होकर कीचड़ में भी गिर जाते है। 

यहां निवासरत लोगो का कहना है। की यह हालात पिछले लंबे समय से गांव में निर्मित है इसकी शिकायत कई बार गांव की सरपंच मांगीलाल सहित सचिव से कर चुके है। लेकिन कोई सुनने वाला नही है। निवासियो का कहना है कि गांव की एक सडक़ और गली सडक़ ऐसी नही है। जिसमें गंदगी का अंबार न लगा हो यहां ह तो महिनों नही सालो से सफाई नही हुई है। 

इस गांव के गंदगी के लगे अंबारो के दृश्य वाकई देखने वाले है। इन दृश्यो से अंदाजा लगाया जा सकता है की यहां के लोग किसी नर्क से कम जीवन यहां नही बिता रहे है। बताया जाता है की गांव की सफाई के लिए दो सफाई कर्मी भी नियुक्त है लेकिन वह सफाई कर्मी न कभी गांव में सफाई करते न किसी को जागरूक वह तो वक्त पर सिर्फ  हर माह अपना पैसा निकालकर अपनी जेबे गर्म कर लेते है।  

कैसे सुधरेंगे हालात .
ज्यादातर अधिकारी गांवों में जाकर फोटो खिंचवाकर स्वच्छ भारत अभियान के नाम सिर्फ  फोटू खिंचवाकर सिर्फ  कागजी कार्यवाही पर विश्वास करते है। करने में ज्यादा जोर देते है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओ के चलते स्कूलो पर खर्च कि जानी वाली राशी का गमन कर लिया जाता है। ऐसे में स्वच्छ भारत का सपना जब साकार होगा जब जनप्रतिनिधियो और प्रशासनिक अधिकारियो को एक साथ आगे आना होगा। 

आज लोगो में जागरूकता की कमी है लोगो में जागरूकता लाने के लिए लोगो को जगह जगह चैपालो के और अन्य मीटिंगो के माध्यम से जागरूक करना होगा। वहिं स्वच्छ भारत का सपना षाकार करने में युवा सबसे अधिक दिलचस्वी दिखा रहे है। ऐसे युवाओ को आगे लाकर प्रोत्साहन होगा जिससे वह अन्य लोगो के लिए आईडल वन सके।