पिछोर। जिले के पिछोर अनुविभाग के भौंती थाना क्षेत्र के भौंती कस्बे में ही एक वृद्ध की तीन-तीन संतान होने के बाबजूद भी माता पिता फुटपात पर जीबन जीने को मजबूर है। बचपन में उगली पकडक़र चलने सिखाने बाले वृद्धों को पुत्रों ने अपने हाल पर जीने के लिये छोड़ दिया। जिनके लिये जिंदगी में अपने खून पसीने की कमाई से एक-एक रूपये जोडक़र घर बनाया वह माता पिता अब पेट भरने के लिये मोहताज हो रहे है।
इसी बात से दु:खी माता पिता ने अपने साथ हो रहे दुव्र्यवहार से परेशान होकर भौंती थाने में तीनों पुत्रों के खिलाफ धारा 506, 34, ताहि. 4/24 माता पिता भरण पोषण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कराया।
जानकारी के अनुसार फरियादी दौैलती पुत्र बिहारीलाल जाटव उम्र 80 वर्र्ष निवासी भौंती के पास 8 बीघा जमीन थी। उनकी पत्नि का नाम मक्खो जाटव है। पिता ने सभी बच्चों के साथ न्याय करते हुए दो-दो बीघा जमीन तीनों पुत्रों के नाम कर दी और दो बीघा अपने पास रखकर वह जीवन यापन करने लगे। इनमें से दो पुत्रों के नाम मुलायम और पातीराम हैं जबकि तीसरे पुत्र का नाम दुर्जन हैै और उक्त पुत्र अपने नाम के अनुरूप ही बुरा व्यक्ति है।
दुर्जन ने पिता की दो बीघा जमीन पर कब्जा कर उन्हें रोटी पानी के लिए तरसा दिया। यहीं नहीं माता पिता ने जब इसकी शिकायत उससे की तो उसने अपने वृद्ध माता-पिता को घर से निकाल कर सडक़ पर ला खड़ा किया। विवश पिता के पास अपने पुत्रों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।