
होमगार्ड सैनिक ने उक्त घूस की बातचीत रिकॉर्ड कर शिकायत कर कर दी। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने जांच करते हुए घूसखोर प्रधान आरक्षक शशिकांत का सस्पैंड कर दिया है। इस प्रकरण में खास बात यह है कि पीडित सैनिक ने बताया हैै कि उक्त रिश्वत फिजीकल चौकी प्रभारी आरएस रघुवंशी के नाम से मांगी गई है। फिलहाल इस रिश्वत कांण्ड की जांच में आरएस रघुवंशी को क्लीन चिट दी है। सवाल यह खडा है कि बिना चौकी प्रभारी के यह संभव नही हो सकता है। एक आरक्षक इतना बडा गोलमाल सिर्फ अकेले कर ले।
यह था मामला
12 जनवरी 2015 को होमगार्ड सैनिक रवि शर्मा निवासी शांतिनगर कॉलोनी की पत्नि दीप्ति शर्मा की संदिग्ध स्थिति में मृत्यु हो गर्ई थी। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की थी। फरियादी का आरोप है कि उसकी पत्नि की आत्महत्या के मामले को हत्या के मामले में तब्दील न करने के लिए उससे 50 हजार रूपए की घूस फिजीकल चौकी प्रभारी आरबीएस रघुवंशी के नाम से मांगी गर्ई थी। प्रधान आरक्षक शशिकांत को उसने 30 हजार रूपए दे भी दिए थे।
लेकिन इसके बाद भी मामले को निपटाया नहीं जा रहा था। सैनिक का कहना है कि उसकी पत्नि के जीवन बीमा का केस फाईनल होने की कगार पर है, इसलिए उसे ब्लैकमेल कर उससे और रूपए मांगे जा रहे थे।
इस मामले में होमगार्ड सैनिक ने उससे शशिकांत की हुर्ई बातचीत की ऑडियो क्लिप तैयार की। जिसमें प्रधान आरक्षक शशिकांत कह रहा है कि यदि तुम्हारा काम नहीं हुआ तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे। निलंबित प्रधान आरक्षक इस समय पुलिस लार्ईन में पदस्थ है।
जांच निलंबित प्रधान आरक्षक की होगी
पुलिस अधिकारियों का कथन है कि भले ही ऑडियो क्लिप में फिजीकल चौकी प्रभारी आरबीएस रघुवंशी का जिक्र है, लेकिन जांच प्रधान आरक्षक शशिकांत की होगी क्योंकि क्लिप में रघुवंशी के नाम का जिक्र आरोपी ने किया है लेकिन यदि जांच में आरोपी शशिकांत यह सिद्ध करता है कि थाना प्रभारी रघुवंशी भी इस मामले में लिप्त हैं तो उनके खिलाफ भी जांच की जाएगी।