
इस हमले में वन विभाग के दो वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा कर्मचारियों को भी चोटें आई हैं। बाद में पुलिस की मदद से बमुश्किल एक ट्रॉली अवैध फर्शी पत्थर जब्त कर चार हमलावरों को दबोचा गया। गाँव में अवैध खननकर्ताओं के हौसले इस हद तक बुलंद हैं कि मझेरा के लीज धारक भी इनकी गतिविधियों से परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार बुधवार की रात मझेरा से फर्शी, पत्थर लेकर बड़ौदी क्षेत्र में जा रही ट्रैक्टर ट्रॉली की सूचना जैसे ही डिप्टी रेंजर महेश शर्मा को मिली तो उन्होंने दल बल सहित इस ट्रैक्टर ट्रॉली को घेर लिया किन्तु अवैध परिवहनकर्ता फॉरेस्ट अमले पर भारी पड़े और उन्होंने यह ट्रेक्टर ट्रॉली गाँव के एक खेत में खाली कर दी तथा ट्रैक्टर को छुपा दिया।
फॉरेस्ट कर्मियों से तमाम कहासुनी हुई और टीम को वापस खाली हाथ लौटना पड़ा, इस मामले की भनक फॉरेस्ट के आला अधिकारियों को लगी तो अधिकारियों ने इस पत्थर को जब्त करने के निर्देश दिए जिस पर से आज फॉरेस्ट एसडीओ श्री राजौरा और डिप्टी रेंजर महेश शर्मा के नेतृत्व में तमाम वन अमला मझेरा पहुंचा और खेत में खाली किए गए फर्शी पत्थर को फॅारेस्ट के ट्रैक्टर में भरने लगा।
इसी दौरान अवैध खननकर्ताओं ने लामबंद होकर फॉरेस्ट टीम पर हमला बोल दिया। यहॉ बचाव में फॉरेस्ट अमले द्वारा हवाई फायरिंग किए जाने की भी सूचना सामने आ रही है। हालांकि अधिकारिक तौर पर फायरिंग के घटनाक्रम की पुष्टि नहीं हो सकी। मौके पर फॉरेस्ट के दो वाहनों के शीशे भी चकनाचूर हो गए हैं जिनमें एमपी 02 एव्ही 2974 तथा एमपी 02 एव्ही 2975 शामिल हैं।
वाहन चालक कल्लू गुर्जर सहित अन्य कर्मचारियों को भी चोटें आईं हैं, हालात यह बने कि फॉरेस्ट टीम को गाँव से बाहर भागकर अपनी जान बचाना पड़ी। घटना की सूचना देहात थाने को दी गई जिस पर से देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची, तब कही जाकर वन विभाग के अमले ने पत्थर जब्त करने की हिम्मत जुटा पाई।