बिजली विभाग ने कहा: सिविल सर्जन से मांगा बकाया इस कारण हुआ यह काण्ड

शिवपुरी। कभी-कभी प्रकाशन के लिए ऐसे प्रेस नोट आ जाते है जिनको पढकर पत्रकार भी सर खुजलाने लगते है। ऐसा की प्रेस नोट आज बिजली विभाग के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों से जारी करवाया है। इस प्रेस को नोट पर कुछ सवाल उठाते हुए प्रकाशित कर रहे है। 

पहला सवाल
लाईनमैनो को करेंट लगा कैसे, कही यह हंगामा कही बिजली विभाग की ओर से प्रायोजित तो नही था। यह सवाल शिवपुरी समाचार डॉट काम ने सर्वप्रथम उठाया था। इसी सवाल का जवाब बिजली विभाग ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया और प्रेस नोट जारी किया है। 

बिजली कंपनी का जवाब
दिनांक 4 अक्टूबर को 11 केवी आर के पुरम फीडर पर आये फाल्ट को दुरूस्त करने हेतु फीडर पर परमिट लेकर कार्य करते समय सिटी के दूसरे फीडर 11 केवी सोनचिरैया के पोल पर एक अज्ञात ट्रक के टक्कर मारने के कारण 11 के वी सोनचिरैया फीडर के टच होने से 11 केवी आर के पुरम फीडर पर लाइन में विद्युत प्रवाह होने लगा। 

मार्के वाली बात
घटना के दिन इस सवाल का जबाव मीडिया दिन भर पूछती रही परन्तु बिजली विभाग का हर अधिकारी इस सवाल से बचता रहा। परन्तु आज इस सवाल का जबाव बनाया गया और प्रकाशन हेतु भेजा गया। 

अब दूसरा सवाल 
शिवपुरी समाचार डाट कॉम ने यह उठाया था कि काम हो रहा लाईन में परमिट होने के बाद लाईन में करेंट कहां सा आ गया। और इस कारण इस हादसे में घायल हुए लाईन मैनो के परिजन कहीं पुन: बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ ही हंगामा नही कर दे और कोई मामला दर्ज कराने के लिए नही अड़ जाए, इसलिए अस्पताल में प्रायोजित हंगामा कराया गया। 

इसका जबाव जो आया है उसे पढकर आप हंसेंगे जरूर
प्रेस नोट में बताया गया है कि लाईन मैनो को उचित ईलाज का अभाव और समय पर ग्वालियर जाने के लिए एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं कराई गई और इलाज इस कारण नही हुआ कि विगत कुछ माह पूर्व सिविल सर्जन श्री डाक्टर गोविन्द संह के निवास पर मध्यप्रदेश क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की सतर्कता टीम द्वारा विद्युत निरीक्षण में पाई गई अनियमितता के आधार पर उनको लगभग रूपये 17 हजार का देयक जारी किया गया था। जिसके उपरांत श्री डॉ. गोविन्द सिंह द्वारा कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों को असहयोगात्मक रवैया अपनाने की धमकी दी गई थी। जिसके क्रम में उनके द्वारा घायल कर्मचारियों के इलाज में लापरवाही/केस रैफर करने जैसी कार्यवाही जानबूझ की की गई।