
जानकारी के अनुसार शिवचरण वैश्य महाराज उर्फ मौनी बाबा जन्म स्थान ऐचवाड़ा आज से 50 वर्ष पहले बैराड़ में आये और रामजानकी मंदिर पर निवास करने लगे। मंदिर की इस दुर्दशा को देखकर मौनी महाराज ने इस मंंदिर के निर्माण का संकल्प लिया और मौन धारण किया। यह मौन धारण 25 वर्ष तक रहा जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ।
बताया गया है मंदिर के अलाबा इन्होने गौशाला सहित पूरा जीवन जन सेवा में लगा दिया। आज लगभग 85 वर्ष की उम्र होने पर इन्होने अपना शरीर त्याग दिया। जिससे पूरे बैराड़ में शोक की लहर दौड़ गई।