जीवित को मृत बता करा लिया जमीन का नामांतरण, 18 साल में भी नहीं मिल सका न्याय

शिवपुरी। ग्वालियर संभाग के अपर आयुक्त एके श्रीवास्तव के उस आदेश का साढे तीन माह बाद भी अमल नहीं हो पा रहा जिसके तहत अपर आयुक्त ने जीवित व्यक्ति को मृत बताकर करा लिए गए जमीन के फोती नामांतरण को निरस्त कर दिया था। इससे व्यथित होकर भूमि स्वामी मुरारीलाल पुत्र रामप्रसाद शर्र्मा निवासी  धौलागढ़ ने आज कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को आवेदन पत्र सौैंपकर अपर आयुक्त के आदेश को अमल में लाने की प्रार्थना की है। 

अपर आयुक्त ने एक ओर जहां नामांतरण को निरस्त करने का आदेश दिया वहीं फर्र्जी नामांतरण करने वाले नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, सरपंच और सचिव के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। खास बात यह है कि इस मामले में फरियादी मुरारीलाल को न्याय प्राप्त करने में 18 वर्र्ष का समय लगा। 

फरियादी मुरारीलाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके स्वामित्व एवं आधिपत्य की कृषि भूमि धौलागढ़ में स्थित है। जिसके सर्र्वे न बर 1613/2 रकबा  1.777 हेक्टर है। उक्त जमीन का पट्टा उसे सन् 71-72 में प्राप्त हुआ था। लेकिन सन् 1998 में पटवारी ने उसे मृत घोषित कर उसकी जमीन का फोती नामांतरण श्रीमती हेमा आदि के नाम कर दिया। 

जबकि जिसके नाम नामांतरण किया गया था। उससे उसका कोर्ई संबंध नहीं है। जब इसकी जानकारी उसे मिली तो उसने नामांतरण निरस्त करने के लिए तहसील में प्रकरण लगाया। परन्तु उसे यहां न्याय नहीं मिला। इसके बाद उसने इसकी अपील एसडीएम न्यायालय में की। 

जहां उसे यह कह कर न्याय नहीं दिया गया कि प्रकरण में काफी विल ब हो चुका है और उसने काफी देरी से न्यायालय में मामला दायर किया है। इसके बाद उसने अपर आयुक्त के न्यायालय में अपील की। जहां माना गया कि उसके जीवित रहते हुए पटवारी ने गलत ढंग से उसे मृत बताकर जमीन का फोती नामांतरण श्रीमती हेमा आदि के नाम कर दिया था। 

यह निर्णय 20 जून 2016 को अपर आयुक्त ने पारित किया, लेकिन इस पर जब तक अमल हो पाता तब तक राजस्व वोर्ड ने अपर आयुक्त के निर्णय पर स्टे ऑर्डर जारी कर दिया, लेेकिन जब राजस्व वोर्ड ने उसकी सुनवार्ई की तो स्टे ऑर्डर को पांच जुलाई को निरस्त कर दिया। तब से अब तक वह न्याय पाने के लिए भटक रहा है।