
कोर्ट रोड पर अतिक्रमण हटाने के दौरान मारवाड़ी भोजनालय से सटी दुकान पर लगे हाईकोर्ट के चस्पा नोटिस को नायब तहसीलदार सुनील प्रभाष ने निकाल दिया था। हालांकि उनका कहना था कि उन्होंने वह नोटिस पढऩे के लिए अनजाने में निकाला था। जबकि दुकानदारों का तर्क है कि वह नोटिस की कॉपी नगर पालिका में देने के बाद डाक से प्रेषित भी कर चुके थे।
जिसका रसीद नंबर व्यापारियों के पास है। इस मामले में एडवोकेट विजय तिवारी का कहना है कि न्यायालय अवमाना धारा 12 के तहत यह हाईकोर्ट की अवमानना है और अभी वह भोपाल से शिवपुरी के लिए लौट रहे हैं। ऐसे में शिवपुरी आते ही पूरे मामले की जानकारी लेकर वह हाईकोर्ट में रिट लगाएंगे। उनका कहना था कि यदि नायब तहसीलदार ने नोटिस को हटाया है तो यह निदंनीय एवं दंडनीय है। हम न्यायालय का अपमान नहीं होने देंगे।
एडवोकेट विजय तिवारी का कहना है कि कुछ माह पूर्व सिद्देश्वर मंदिर पर एक परिवार को घर से बाहर निकालते समय उसके परिवार पर शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज हुआ था जब एक आम आदमी के साथ कार्रवाई हो सकती है तो शासकीय सेवक इससे परे कैसे हो सकता है ।