अतिक्रमण: कोर्ट रोड़ पर चली पौकलेन, नायब तहसीलदार ने फाडे हाईकोर्ट के आदेश

शिवपुरी। चार दिन की खामोशी के बाद आज दोपहर कोर्ट रोड़ पर फिर हिटैची की धमक सुनाई दी। प्रशासन नगर पालिका और पुलिस की संयुक्त टीम ने मारवाड़ी भोजनालाय से सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया तक की 24 दुकानों को निशाने पर लेते हुए 4 दुकानो का अतिक्रमण हटा दिया। इनमे से कुछ व्यापारीयो ने हाईकोर्ट के स्टे के आदेश दिखाए तो नायबतहसीलदार  द्वारा उक्त आदेश की कॉफी को फाडने की भी खबर आ रही है। 

कोर्ट रोड़ पर आज दोपहर 12 बजे उस समय हडक़ंप व्याप्त हो गया जब सरकारी मशीनरी पूरे तामझाम के साथ दो हिटैची लेकर कोर्ट रोड़ पर जा पहुंची। चार दिन से अतिक्रमण विरोधी अभियान थमने से इस पर विराम लगने की आशंका व्यक्त की जा रही थी।

 लेकिन जब एसडीएम रूपेश उपाध्याय, मु य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार, नायब तहसीलदार सुनील प्रभास, एसडीओपी जीडी शर्मा , टीआई संजय मिश्रा, यातायात प्रभारी पुरूषोत्तम विश्नोई के नेतृत्व में नगर पालिका प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम दो हिटैची और दर्जन भर से अधिक सफाई कामगारों को लेकर मौके पर पहुंची तो व्यापारियों में हडक़ंप व्याप्त हो गया। 

इस टीम ने दोनों ओर के रास्तों को रोक कर अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। सबसे पहले नगर पालिका के ठेकेदार विष्णु गोयल की दुकानें निशाने पर आई और हिटैची ने पूरी निर्ममता के साथ उनके मकान में लगे छज्जों, टीनशेडों आदि को गिराना शुरू कर दिया। 

सूत्र बताते हैं कि उन्हें तीन-तीन फिट अतिक्रमण हटाने के नोटिस मिले हैं। उनके मकान में इस अभियान के तहत एकता पान भण्डार, गोयल हो योकेयर आदि दुकानों में तोड़ फोड़ की गई। इसके बाद कलाकुंज साड़ी, रवि ट्रेडर्स, हरविन्दर सिंह, ऋषभचंद जैन, दिलीप कटपीस, यूजिक महल, प्रताप सिसौदिया, कैलाश सिसौदिया आदि की दुकानें निशाने पर आई। 

इसके अलावा गोपाल गोयल, मारवाड़ी भोजनालय, केसरी प्रकाश, अमरदीप सिंह, मोहनलाल गोयल, गोपालदास गर्ग आदि की दुकानें भी अतिक्रमण हटाने की सूची में दर्ज हैं। यहां मौजूद दुकानदारों ने आपत्ति दर्ज कराई कि उनके निर्माण अतिक्रमण में नहीं है और उनका निर्माण वैधानिक तरीके से हुआ है। लेकिन प्रशासन ने उनके तर्कों को मानने से इन्कार कर अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। प्रशासन कोर्ट रोड़ को 44 फिट करने पर दृढ़ प्रतिज्ञ है। 

स्टे की कॉपी शटरों पर चस्पा की
इस इलाके में बताया जाता है कि गोपाल दास गर्ग, हरिमोहन लढ़ा और ऋषभचन्द्र जैन माननीय उच्च न्यायालय से स्टे लेकर आए हैं। स्टे में हिदायत दी गई है कि वे अपने वैधानिक कागजात सात दिन के भीतर नगर पालिका को सौंपकर उसका निराकरण करायें। बताया जाता है कि तीनों दुकानदारों ने अपने स्टे की कॉपी दुकानों के शटरों पर चस्पा कर दी है।

हम अतिक्रामक नहीं, अधिगृहण करो
इस इलाके के दुकानदारों का कहना है कि हम अतिक्रामक नहीं है। हमारे पास हमारी संपत्ति के वैधानिक दस्तावेज हैं। इसके बाद भी हमारे निर्माण कार्य क्यों तोड़े जा रहे हैं। या तो प्रशासन हमें अतिक्रामक सिद्ध करे, अन्यथा इसके बाद भी कोर्ट रोड़ को 44 फिट करना है तो हमारी जमीन में से उतनी जमीन अधिगृहित कर वैधानिक प्रक्रिया अपनार्ई जाए। 

स्टे की कॉपी फाडऩे पर व्यापारी हुए उग्र लगाये  नारे
आरोप है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जिन दुकानदारों ने माननीय उच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त किया है उन स्टे की एक दुकान में चस्पा कॉपी को नायब तहसीलदार सुनील प्रभास ने फाडक़र फैंक दिया। यह देखकर व्यापारी उग्र हो उठे और उन्होंने मुर्दावाद के नारे जोरशोर से लगाना शुरू कर दिए। 

उधर एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने माननीय उच्च न्यायालय के स्टे देखकर व्यापारी ऋषभचंद जैन और गोपाल गर्ग को राहत प्रदान करते हुए उनके निर्माण कार्य को नहीं तोडऩे का निर्देश दिया। 
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