
4 माह तक सिर्फ होंगे भजन कीर्तन
15 जुलाई को चातुर्मास के आरंभ होते ही चार माह के लिए शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। साथ ही अन्य शुभ कार्य भी वर्जित रहेंगे। चातुर्मास का समापन 11 नव बर को देवउठनी एकादशी पर देवों को जगाने के साथ होगा। देवों के जगते ही फिर से अबूझ मुहूर्त में शादी की शहनाइयां फिर से बज उठेंगी और बाजार में खरीदी रौनक के साथ शुभ कार्यों की शुरूआत हो जाएगी। इस बीच सिर्फ भगवान के भजन कीर्तन ही हो सकेंगे।