राठौर ने मुन्नालाल पर फिर किया प्रेसनोटी हमला, कुछ तो करिए श्रीमान

शिवपुरी। शिवुपरी के प्यासे कंठो पर राजनीति करना मानो सब नेताओ का हक,नेता को कोई काम नही बस अखबारो में छपना हो बस भेज दो सिंध और पानी की समस्या पर हो जाऐगा काम नेताजी खबरो में तो ही बने रहेगें। 

इस बार का नगर पालिका चुनाव हार चुके भाजपा के हरिओम राठौर मुन्नालाल कुशवाह पर कई बार प्रेस नोट बार कर चुके है।  ये सुधारो, वो सुधारों, ऐसा कर दिया, वैसा कर दिया, नही तो आंदोलन होगा। 

पता नही कब होगा आंदोलन, बस प्रेस नोट जारी कर धमकी देते रहते है। राठौर साहब इस भीषण जलसंकट में पानी पी-पी कर केवल नपा अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह को ही कोसते रहते है। 

पता नही अखबार भी पढते है कि नही कल की सबसे बडी प्रशासनिक खबर कि कलेक्टर शिवपुरी ने एक वनविभाग के बाबू को आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला अधिकारी का चार्ज दे दिया। जबकि जिले में कई राजपत्रित अधिकारी बैठे है। कलेक्टर के इस आदेश को कई तरह से गॉसिप मेे लिया जा रहा है। 

इस पर प्रेस नोट जारी कर कलेक्टर शिवपुरी से पूछना था कि साहब यह कौन से गणित से हो गया। आपने ऐसा कौन सा गणित लगाया कि एक बाबू राजपत्रित अधिकारियों से भी बढा हो गया। 

खैर छोडो ऐसा नेताजी नही कर सकते है। अब सीधे मुद्दे पर आते है, शिवपुरी से प्रकाशित साध्यं पेपर में एक खबर छपी है। जिसमे बडी ही आन बान शान से हरिओम राठौर ने मुन्नालाल की कार्यप्रणाली को लेकर एक प्रेस नोट भेजा है। 

पढिए उस प्रेसनोट का कम शब्दो में पूरा मतलब 
नेताजी का सीधा-सीधा कहना है कि सिंध जलावर्धन योजना का विलंब जो हो रहा है वह नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह की वजह से, और वह योजना पर पलीता लगन का गलत ढंढ से ठीकरा प्रदेश सरकार पर फोड़ रहे है।  

नेताजी का कहना है कि नपाध्यक्ष परिषद की बैठक बुलाकर सिंध के काम को शुरू क्यो नही करते। नपाध्यक्ष योजना का पूरा सिर्फ इस कारण नही करना चाहते जिससे नकामी की ठीकरा प्रदेश सरकार पर फूटे।

इस मामले में अपने राम का कहना है कि नपा की इस योजना को पूरा कराने की बस की होती तो पिछली भाजपा सरकार वाली नपा ने क्यो नही कराया,केबीनेट मंत्रीयो की बैठके इस योजना को पूरा नही करा सकी तो परिषद की बैठक क्या कराऐंगी।