
इनका प्रकोप इस हद तक है कि सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है और वाहन चालन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अचानक माहू का प्रकोप बारिश की संभावना के कारण तथा बादल होने से बढ़ा है।
यूं तो माहू का प्रकोप पिछले लगभग एक माह से चल रहा है, लेकिन पिछले तीन दिनों से माहू की सं या में तेजी से इजाफा हुआ है। कपड़ों पर हजारों की सं या में माहू चिपकी हुई नजर आती है। माहू के कारण बाजार में खाना पीना भी मुश्किल हो गया हैं।
क्योंकि खानपान की बस्तुओं पर तमाम प्रयासों के बाद भी हजारों की सं या में माहू चिपक रही हैं। इससे चाट, चाय और फलों के रसों की बिक्री में भी कमी आई है। माहू के कारण बिना चश्मा लगाये दुपहिया वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है।
माहू का आतंक इतना अधिक हैं कि घरों से निकलने में भी दिन में लोगों की दिलचस्पी कम होती जा रही है और अत्याधिक काम पडऩे पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि माहू का यह प्रकोप लगभग 10-15 दिन तक चलने की आशंका है।
यह प्रकोप अचानक क्यों बढ़ा? इसके विषय में उनका कहना है कि पिछले दो तीन दिन से शहर में बादलों ने डेरा डाल दिया है और उमस का बातावरण बन गया है। गर्मी पडऩे के कारण ही माहू की सं या में वेतहाशा वृद्धि हुई है।