
ऐसे में मंत्री के फरमान के बाद से ही प्रशासन ने भी स त रवैया अपना लिया है जिसकी नजीर गत दिवस देखने को मिली जहां 50 वर्ष पुराने अतिक्रमण को प्रशासन ने ढहा दिया। भले ही घर वाले, परिजन या यूं कहे कि अन्य नागरिकों ने इस मुहिम का कितना भी विरोध किया हो लेकिन परिणाम प्रशासन के ही पक्ष में रहा।
यहां एक रजक परिवार, टाईटस व गुड्डू चौहान के निवास बने हुए थे जिस पर गुड्डू चौहान के भवन को कोर्ट का स्टे मिला होने के कारण ब श दिया ते वहीं दूसर ओर टाईटस के भवन को अतिक्रमण में मानते हुए नेस्तनाबूत कर दिया। बताया गया है कि जिस जगह से अतिक्रमण हटाए गए है वह सिद्धेश्वर ट्रस्ट के अंतर्गत आते है। इस कार्यवाही को एडीएम नीतू माथुर, एसडीएम रूपेश उपाध्याय के निर्देशन में तहसीलदार एल के मिश्रा, नायब तहसीलदार सुनील प्रभास सहित अन्य प्रशासनिक दल ने पुलिस कोतवाली टीआई संजय मिश्रा व पुलिसकर्मीयों की निगरानी में अंजाम दिया।
अब स्थान होने लगे चिह्नित
सिद्धेश्वर क्षेत्र में हुई अतिक्रमण विरोधी को जिस प्रकार से अन्य लोग देख रहे थे वह स्वयं हैरान होने लगे है। यहां बताना होगा कि सिद्धेश्वर मंदिर के समीप तोड़े गए ट्रस्ट के बाद अब बारी फिजीकल क्षेत्र की है। यहां रह रहे लोगो को नोटिस भी तहसीलदार एल के मिश्रा द्वारा बांट दिए गए है और बकायदा नोटिस याद निकलने के बाद यहां कार्यवाही होना तय है। इसके बाबजूद भी इंदिरा नगर, करौंदी, लुधावली, मनियर व अन्य स्थानों पर अतिक्रमण मौजूद है जहां पर अब प्रशासन स्थान चिह्नित करने की कार्यवाही करने में लगा है।
भयभीत नजर आए फिजीकल क्षेत्र के लोग
एडीएम नीतू माथुर, एसडीएम रूपेश उपाध्याय, तहसीलदार एल के मिश्रा, नायब तहसीलदार सुनील प्रभास यह प्रशासनिक दल अब आगामी समय में फिजीकल क्षेत्र में कार्यवाही करने का खाका खींच रहे है। क्योंकि जिस प्रकार से पुलिस बल की मौजूदगी में सिद्धेश्वर क्षेत्र का 50 वर्ष पुराना अतिक्रण तहस-नहस कर दिया है तो वहीं अब फिजीकल कॉलेज के समीप आसपास के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश स्वयं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जिला कलेक्टर को दिए थे।
इसलिए संभावना जताई जा रही है कि अगली कार्यवाही फिजीकल क्षेत्र में होना तय है। बताया गया है कि इस कार्यवाही से अब फिजीकल क्षेत्र के लोग भयभीत है और वह अपने अतिक्रमण को बचाने का रास्ता ढंूढने लगे है।
यहां सरेआम सैप्टिक टैंक पर अतिक्रमण, फिर भी कार्यवाही नहीं
अतिक्रमण विरोध की इस मुहिम से कई क्षेत्र अभी भी दूर बने हुए है जबकि यहां अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट तक से ऑर्डर हो चुके हैलेकिन नगर पालिका और जिला प्रशासन ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी सर्वोपरि नहीं माना और आज भी ऐसे मामलो में बदस्तूर अतिक्रमण जारी है। यहां बताना होगा कि शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी इंदिरा नगर में सरेआम ना केवल शासकीय भूमि बल्कि हाउसिंग बोर्ड के सैप्टिक टैंक तक पर अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है और आज यहां भवन तान दिया गया।
जिसमें बकायदा लोग निवास भी कर रहे है जबकि यहां के इस अतिक्रमण को हटाने के लिए उच्च न्यायालय से आदेश भी पारित हो गए लेकिन नगर पालिका और जिला प्रशासन ने अब तक कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई। इससे इस अतिक्रमण विरोधी मुहिम पर प्रश्रचिह्न भी लग रहा है जहां सरेआम न्यायालय की अवमानना और अतिक्रामकों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है यदि प्रशासनिक टीम को कार्यवाही करना है कि तो इंदिरा नगर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सैप्टिक टैंक पर हुए अतिक्रमण को देखना चाहिए और इस अतिक्रमण को हटाकर इस मुहिम के सफल क्रियान्वयन की नजीर पेशन करनी चाहिए। देखना हेागा कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है?