
पीडि़ता ने आरोपियों द्वारा उस पर किये गए जुल्मों को सहन कर लिया, लेकिन अपने पिता की बेईज्जती को वह बर्दास्त नहीं कर सकी और उसने पुलिस की शरण ली और अपने ऊपर हुए जुल्मों की दस्ता पुलिस को सुना दी। जिस पर पुलिस ने आरोपी प्रमोद राठौर, अमीचंद राठौर, विमला राठौर के िालाफ धारा 498 ए का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरानी कलारगली कमलागंज में रहने वाले आरोपी प्रमोद का विवाह राठौर मोहल्ला की काजल के साथ हिन्दू रीति रिवाज अनुसार बड़ी धूमधाम के साथ हुआ था।
कुछ समय तक तो आरोपी प्रमोद और उसके पिता अमीचंद और माँ विमला ने काजल को ठीक ढंग से रखा लेकिन उसके बाद आरोपियों ने उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरू कर दिया।
अपने ऊपर हुए जुल्मों को वह सहन करती रहीं और आरोपियों की हर बात मानती रही। दीपावली पर वह अपने मायके में आ गई। उसके बाद आरोपियों ने उसे अपनाने से मना कर दिया।
जिससे वह उदास रहने लगी उसके पिता से उसका यह दुख: देखा नहीं गया और वह 15 दिवस पूर्व अपने समधि से मिलने उसके घर पहुंचा और अपनी बेटी को अपनाने के लिए अनुनय विनय करने लगा। लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न मानी और उसे जलील कर घर से भगा दिया।
जब परेशान पिता घर पहुंचा और अपनी बेटी को पूरी बात बताई तो वह आक्रोशित हो गई। बाद में उसने पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा दी। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।