
इसमें साढे तीन करोड रुपए बाउंड्रीवाल पर खर्च किए जाएंगे। साल भर में मंडी विकास पर करीब 50 करोड रुपए खर्च होंंगे। निर्माण के लिए डीपीआर बनाई जा चुकी है। मंडी विदिशा और भोपाल की मंडी के मॉडल पर बनाई जाएगी।
फल पकाने और अनाज सुखाने का भी होगा इंतजाम
डीपीआर में प्रस्तावित जमीन पर फल मंडी, सब्जी और अनाज मंडी के लिए अलग. अलग यार्ड बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। भोपाल और विदिशा की तर्ज पर मंडी में फलों को पकानेए अनाज को सुखाने की व्यवस्था भी रहेगी।
30 दिन में शुरू हो जाएगा निर्माण
आगामी 30 दिन में नई मंडी का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पहले चरण में जमीन पर बाउंड्रीवाल बनेगी। इसके लिए 3.50 करोड रुपए मिल चुके है। वहीं चार करोड की राशि भी एडवांस में आ चुकी है। जिससे मंडी के भीतर द तर और टीनशेड लगाने का काम शुरू होगा।
नई मंडी बनने से शहर में होगा ट्रेफिक कम
शहर के बीच में मंडी होने से ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक आदि व्यस्ततम मार्गों सेहोकर मंडी तक आते-जाते हैं। रोजाना ऐसे वाहन एक हजार से अधिक होते हैं। इससे ट्रैफिक प्रभावित होता है। लेकिन मंडी शहर के दायरे से बाहर होने के बाद ट्रैफिक कम हो जाएगा।
मिलेगी रेलवे यार्ड की सुविधा
नई मंडी में रेलवे यार्ड बनाया जाएगा। इसलिए कि प्रस्तावित जमीन के पास से रेलवे लाइन गुजरी है। इसलिए यहां बोगी की सहायता से माल को आसानी से बाहर ले जाया जा सकेगा।
वेयर हाऊस का भी होगा निर्माण
मंडी की परियोजना पर कुल 50 करोड़ खर्च किए जाने की लक्ष्य है। पूरी 50 बीघा जमीन पर कुछ वेयर हाउस भी बनाए जाएंगे। जिससे समय पर व्यापारी वहीं अपना माल खरीद करने के बाद सुरक्षित रख सके।