यातायात सप्ताह के नाम पर मजाक सड़कों पर फल मण्डी, मुख्य मार्ग पर जाम के हालात

शिवपुरी। शहर के यातायात विभाग को न जाने क्यों सांप सूंघ गया है, जिसे शहर में पसरे जबर्दस्त बेहाल ढंग से अस्थाई अतिक्रमण भी अब दिखाई नहीं दे रहा, जिसका उदाहरण रहा स पन्न हुआ यातायात सप्ताह, जिसमें भी शहर के व्यस्ततम मार्गों में शुमार कोर्ट रोड़ का मण्डी क्षेत्र, जो प्रात: 7 बजे से ही पूरी तरह जाम की स्थिति दिखाई देती है। यहां से वाहन चालक तो क्या, पैदल राहगीर भी बमुश्किल इस मार्ग को पार कर पाता है, इस ओर ध्यान न दिया जाना बाकई शर्मनाक पहलू है।  

यहां पसरी बदहाली का दंश बेचारा आम राहगीर प्रात: से कूटने को विवश होता है। शहर में एक तो सारा खेल सीवर प्रोजेक्ट के खुदाई कार्य बिगाड़ रखा है, रहा-सहा खेल मु य और व्यस्ततम मार्गों पर पसरा अस्थाई अतिक्रमण बिगाड़ रहा है। 

बात की जाये शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग कोर्ट रोड़ की तो यहां प्रात: से ही आम  राहगीरों को निकलने की जगह भी नसीब नहीं हो पाती, कारण है यहां सड़कों तक थोक फल विक्रेताओं की फलों की पेटियां सजीं दिखाई देती हैं, और उनका पूरा कारोबार बड़ी तेज आवाजों के साथ सड़कों पर ही फलता-फूलता व दौड़ता दिखाई देता है। 

शहर में बढ़ते इस अस्थाई अतिक्रमण से व्यवस्थाऐं पूरी तरह से बिगड़ैल बन चुकी हैं, जिसका दंश बेचारा आमजन झेल रहा है। 

हालांकि शहर के एकमात्र कोर्ट रोड़ क्षेत्र नहीं बल्कि आज कई स्थानों पर बदहाल यातायात व्यवस्था देखी जा रही है, चाहे वह नीलगर चौराहा क्षेत्र हो अथवा फिर गांधी चौक और माधव चौक जैसे व्यस्ततम इलाके। 

सभी जगह आम राहगीर तक इन बदहाल व्यवस्थाओं से परेशान हो उठा है। इसके बाद भी यदि विभाग इस ओर अपनी निगाहें न दौड़ाये तो इसे आप क्या कहियेगा। 

हां इतना अवश्य है कि हाल फिलहाल की स्थिति में बेहतर व्यवस्थाओं के लिहाज से देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र में शिवपुरी शहर का नाम अग्रणी नजर आ रहा है, इसके पीछे जहां तक प्रशासनिक मशीनरी का हाथ अग्रणी है वहीं यहां की नेतानगरी भी बदहाल व्यवस्थाओं की ओर शहर को धकेलने में पीछे नहीं। अब इस शहर की दशा और दिशा शीघ्र बदलेगी इसमें संदेह ही संदेह है।