
ग्रामीण जनों ने बताया कि सुबह 5:00 बजे तार गिरने के बाद करंट फैला तो हमने यह सूचना तुरंत बिजली विभाग को देनी चाही लेकिन किसी का फोन रिसीव नहीं हुआ और करंट फैलने से मवेशी तड़प-तड़प कर जलने लगे फिर हमने सूचना 100 डायल को दी और फायर बिग्रेड को फोन लगाया कुछ देर बाद दोनों वाहन धर्मपुरा आ गए इसके बाद 6:30 बजे लाइन काटी गई लेकिन जब तक सभी मवेशीयों के करंट की चपेट में आने से दम तोड़ चुके थे वही जार सिंह गुर्जर की 100 बकरियां टपरो के अंदर ही जलकर खाक हो चुकी थी|
परिवार के पालन पोषण का जरिया थी बकरियां उन्हीं से चला रहा था परिवार
मौके पर पहुंचे दैनिक भास्कर के संवाददाता को जार सिंह गुर्जर ने बताया कि उसके परिवार के पालन पोषण का जरिया बकरियां ही थी जिनसे वह अपने परिवार को चला रहा था वहीं उसकी पत्नी रामवती बीमारी के चलते हाल ही में सिर का ऑपरेशन कराया गया है तो वही इस साल वह अपनी बेटी के हाथ पीले करने वाला भी था लेकिन उसके रोजगार के साधन बकरियां करंट से जलकर खाक हो जाने के बाद अब उसके पास रोजगार का कोई साधन नहीं बचा और अब उसके सामने एक विकराल समस्या सामने खड़ी है|
धर्मपुरा गांव के निवासी नीलम गुर्जर ने बताया कि अगर समय रहते बिजली विभाग के अधिकारियों ने फोन उठा लिया होता तो समय पर लाइन कट हो जाती और इतना बड़ा हादसा नहीं होता|
गांव वासियों ने बताया अभी भी है हादसे की आशंका
गांव वासियों ने बताया कि जो लाईन गांव से गुजर रही है उसके खंबे काफी छतिग्रस्त हाल हैं कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को भी इस बारे में बता चुके हैं लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है काफी पुरानी लाइन होने के कारण लाइन का हाल जर्जर है और आगे भी कभी बड़ा हादसा घटित हो सकता है अगर यही हादसा दिन में घटित होता तो जन हानि होना संभव थी लेकिन रात्रि में घटना होने के कारण सिर्फ मवेशी ही इसकी चपेट में आये हैं|
वही दूसरे पीड़ित रामअवतार ने बताया कि तारों की स्पार्किंग इतनी तेज थी की काफी देर दहशत का माहौल बना रहा और हमारे सामने ही हमारे मबेशी करंट से झुलसकर जलते रहे|