शिवपुरी। शूटर द्वारा सूअरों के मारे जाने के फर्जी आंकड़ों के विवाद के चलते नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने मृत सूअरों के प्रमाणीकरण हेतु पार्षदों की एक कमेटी गठित कर दी हैं। शूटर नवाब सफाकत अली ने मांग की है कि उसे दिन में भी सूअरों को मारने की अनुमति दी जाए। अन्यथा वह काम छोड़ देगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शूटर नवाब सफाकत अली ने प्रथम चरण में 14 हजार से अधिक सूअरों को मारने का आंकड़ा देकर 239 रूपए प्रति सूअर के हिसाब से लगभग 35 लाख रूपए का भुगतान प्राप्त किया था। शूटर ने एक रात में एक हजार से अधिक सूअर मारने का आंकड़ा पेश किया था। जो कि किसी भी हालत में संभव नहीं था।
इस कारण उसका भुगतान रोक दिया गया था। लेकिन फिर परवारे-परवारे उसे नपा प्रशासन ने भुगतान कर दिया। सूअर मारे जाने की दूसरी पारी में तो नवाब सफाकतअली को 239 रूपए प्रति सूअर के स्थान पर 375 रूपए प्रति सूअर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन शूट आउट की वीडियो ग्राफी और दोहरे प्रमाणीकरण से फर्जी बाड़े की आशंका काफी कम हो गई है।
नपा प्रशासन ने मृत सूअरों की गिनती के लिए जिन पार्षदों की समिति बनाई गई है उनमें पार्षद वर्षा संजय गुप्ता, अरूण पंडित, जरीना महमूद शाह, श्रीमती शायस्ता बबलू खांन, बलबीर यादव, ईस्माइल खां शामिल हैं। समिति के पार्षद मारे जाने वाले सूअरों की गिनती प्रति दिन समक्ष कराकर प्रमाणिकरण देंगे। उसके बाद ही भुगतान किया जाएगा।
इस घटनाक्रम के बाद शूटर ने दिन में सूअरों को मारने की अनुमति मांगी है और अनुमति न मिलने पर काम छोडऩे की धमकी दी है। लेकिन नपा प्रशासन का कहना है कि दिन में सूअर मारे जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
दिन तो दिन रात में भी बनी है दुर्घटना की आशंका
रात में हो रही शूटिंग में दो बार निशाने चूक गए जिससे सूअर के स्थान पर गोलियां कार और मोटर साईकिल में लगी। यह तो सौभाग्य था कि गोली किसी व्यक्ति को नहीं लगी। दुर्घटनायें इसलिए घटित हुई क्योंकि शूटर द्वारा पहले से रूट चार्ट नहीं दिया गया।
जिससे नगर पालिका प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं करा पाई। अब यदि शूटर को दिन में सूअर मारने की अनुमति मिल जाती है तो इससे दुर्घटना की आशंका कई गुना बढ़ जाएगी।
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